जम्मू-कश्मीर में ग्रामीण क्षेत्रों में कोने-कोने तक इंटरनेट कनेक्टिविटी देने की योजना पर वहां की सरकार काम कर रही है। जमीनी स्तर पर ई-गवर्नेंस शुरू करने के लिए प्रशासन भारत ब्रॉडबैंड स्कीम (BBS) के तहत 3,195 अतिरिक्त ग्राम पंचायतों को इंटरनेट कनेक्टिविटी मुहैया करवाएगा। एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि चीफ सेक्रेटरी अरुण कुमार मेहता ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में तवी रिवर फ्रंट डेवलेपमेंट और भारत नेट स्कीम के लागू होने से संबंधित प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस के बारे में जानने हेतु एक बैठक की।
बैठक में चीफ सेक्रेटरी को बताया गया कि 408 ग्राम पंचायतों और 14 ब्लॉक मुख्यालयों को ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से इंटरनेट कनेक्शन मुहैया करवाया गया है, जबकि 658 ग्राम पंचायतों को VSAT इनेबल करके इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के दूसरे फेज में 3,195 अतिरिक्त ग्राम पंचायतों को इंटरनेट कनेक्टिविटी मुहैया करवाई जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटलाइजेशन लाने के महत्व को बताते हुए, मेहता ने ग्रामीण विकास विभाग (आरडीडी) से कई बातों पर जोर देने को कहा। उन्होंने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करे कि नेट-सक्षम ग्राम पंचायतें ठीक से काम करें, ताकि उन्हें युवा क्लबों, आंगनवाड़ी केंद्रों और अन्य महत्वपूर्ण पब्लिक सेक्टर को जोड़ने के लिए हब के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। साथ ही जागरूकता अभियानों और सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सके।
चीफ सेक्रेटरी ने प्लानिंग डेवलेपमेंट और मॉनिटरिंग डिपार्टमेंट को निर्देश दिया कि वह 1081 ग्राम पंचायतों में पहले से चालू इंटरनेट सुविधाओँ की जांच करें। इनकी कार्यक्षमता को वैरीफाई करने के लिए या तो वीडियो कॉन्फ्रेंस या गूगल मीट के माध्यम से अधिकारियों के साथ बातचीत करें।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी जैसी आपदा ने डिजिटलाइजेशन के महत्व को और अधिक समझने व व्यापक रूप में इस्तेमाल करने की सीख दी है। एक तरफ जहां इंटरनेट स्कूली बच्चों की पढ़ाई का माध्यम बन रहा है वहीं दूसरी तरफ अब सरकारी मीटिंग, कॉन्फ्रेंस व सार्वजनिक उद्घाटन जैसे इवेंट भी अब डिजिटल तरीके से हो रहे हैं। ऐसे में जम्मू के नागरिकों के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।