दुनियाभर में ओवर द टॉप (OTT) सर्विसेज इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन उनका अनुभव अच्छा नहीं है। एक नए सर्वे के अनुसार, स्ट्रीमिंग सर्विसेज का इस्तेमाल करने वाले भारत के 69 फीसदी कंस्यूमर्स ने व्यूइंग एक्सपीरियंस में फ्रस्टेशन का अनुभव किया है। भारत के अलावा 11 देशों में किए गए इस सर्वे में 6,000 सब्सक्राइबर्स में से लगभग आधे ने यह खुलासा किया वो 6 मिनट से ज्यादा का समय इसी में बिता देते हैं कि उन्हें क्या देखना है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय कंस्यूमर्स का भी मानना है कि जिस कंटेंट के लिए वह पैसे देते हैं, उसमें से 60 फीसदी से ज्यादा उनके मतलब का नहीं है। 81 फीसदी भारतीय यूजर्स यह भी चाहते हैं कि कंटेंट पर्सनालाइजेशन को बेहतर बनाने के लिए उनकी प्रोफाइल दूसरी सर्विस के साथ भी शेयर की जाए।
Accenture की
रिपोर्ट के मुताबिक, यह सर्वे नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, यूरोप, साउथ अफ्रीका और एशिया पैसेफिक में 6000 कस्टमर्स पर किया गया। सर्वे में शामिल 60 फीसदी यूजर्स ने विभिन्न सर्विसेज के बीच नेविगेट करने की प्रक्रिया को ‘थोड़ा' से ‘बहुत निराशाजनक (frustrating) ' माना है। सर्वे में शामिल और कई स्ट्रीमिंग सर्विसेज का सब्सक्रिप्शन लेने वाले 69 फीसदी भारतीय अपने व्यूइंग एक्सपीरियंस से फ्रस्टेड थे।
दुनिया भर के 44 फीसदी यूजर्स ने कहा कि OTT प्लेटफॉर्म पर कुछ देखने के लिए उन्हें 6 मिनट से ज्यादा समय लगा। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि सर्वे में किन प्लेटफॉर्म्स को शामिल किया गया था। वैसे भारत के पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स की बात करें, तो उनमें Netflix, Amazon Prime Video, Disney+ Hotstar, Sony LIV, Voot और अन्य शामिल हैं।
सर्वे में शामिल दुनिया के 22 फीसदी कंस्यूमर्स ने कहा कि उन्होंने 4 या उससे ज्यादा स्ट्रीमिंग सर्विसेज का सब्सक्रिप्शन लिया है। 33 फीसदी यूजर्स ने कहा कि उन्होंने सिंगल सर्विस को सब्सक्राइब किया है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर के 33 फीसदी OTT कंस्यूमर्स का कहना है कि अगले 12 महीनों में वो स्ट्रीमिंग सर्विसेज पर अपने खर्च को ‘कुछ हद तक' या ‘बहुत' कम कर देंगे। इसमें सब्सक्रिप्शन और इन-ऐप पर्चेस दोनों की बात की गई है। वहीं, सर्वे में शामिल 46 फीसदी भारतीय यूजर्स ने कहा कि वो भी मीडिया और एंटरटेनमेंट के सभी सब्सक्रिप्शन पर अपना खर्च कम करने की योजना बना रहे हैं।