डिजिटल युग के इस दौर में बच्चों और युवाओं के लिए ऑनलाइन गेमिंग मनोरंजन का अहम तरीका बन गया है। बच्चे घटों तक ऑनलाइन गेमिंग में समय बिताते हुए टीम वर्क के साथ-साथ सोशल कनेक्शन बनाते हैं। हालांकि, इस दौरान अनुचित कॉन्टेंट और साइबरबुलिंग आदि का खतरा भी रहता है। ऑनलाइन गेमिंग के दौरान बच्चे अजनबियों के साथ भी जुड़ सकते हैं, ऐसे में ऑनलाइन गेमिंग खतरों से भरा हो सकता है।
आज के समय में बच्चों के लिए एक सुरक्षित माहौल तैयार करना भी अभिभावक और माता-पिता के लिए जरूरी हो गया है। ऐसे में आप बेहतर स्ट्रेटजी और गाइडलाइंस को लागू करके बच्चों को खतरों से बचा सकते हैं और उनके गेमिंग अनुभव को बेहतर बना सकते हैं। यहां हम आपको कुछ तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आप बच्चों के भविष्य को बेहतर बना सकते हैं।
समय सीमासबसे पहले आपको एक समय सीमा निर्धारित करनी है। बच्चों को एक समय के अंदर ही गेम खेलने की अनुमति देनी चाहिए। जरूरत से ज्यादा गेम खेलने से शारिरिक और मानसिक तौर पर नुकसान होता है। ज्यादा समय तक गेम खेलने से लत लगने का खतरा भी पैदा होता है।
कैसे गेम खेलेंअगर आपके बच्चे गेम खेलते हैं तो आपको यह तय करना है कि वह किस प्रकार का गेम खेल रहे हैं। बच्चों के लिए गेमिंग कॉन्टेंट तय करना या सलाह देना भी अभिभावकों के लिए बहुत जरूरती है। आपको अपनी फैमिली वैल्यूज और बच्चों की उम्र के हिसाब से गेम खेलने की सलाह देनी चाहिए।
गेमिंग के दौरान उचित व्यवहारबच्चे ऑनलाइन गेमिंग के दौरान अन्य लोगों के साथ जुड़ते हैं और टीम आदि बनाकर खेलते हैं। ऐसे में वह गेमिंग के दौरान किस प्रकार की बातचीत कर रहे हैं यह भी बहुत जरूरी है। आपको अपने बच्चों को ऑनलाइन बातचीत के दौरान अच्छा व्यवहार अपनाने की सलाह देनी चाहिए।
बच्चों पर रखें नजरआपको अपने बच्चों के गेमप्ले पर नजर रखनी चाहिए। आपको यह देखना है कि वह गेमिंग के दौरान दूसरों के साथ कैसे इंटरैक्ट करते हैं। क्या वे हमेशा दुखी रहते हैं या परेशान तो नहीं रहते हैं। आपको कई बार उनसे बात करनी चाहिए कि वह क्या सीख रहे हैं या क्या महसूस करते हैं। आप अपने बच्चों से उनके गेमिंग अनुभव के बारे में भी जान सकते हैं।
ऑनलाइन खतरों से जागरुकताऑनलाइन गेमिंग के दौरान काफी खतरा भी रहता है। ऐसे में आपको अपने बच्चों को उनके बारे में बताना चाहिए। ऑनलाइन गेमिंग के दौरान निजी जानकारी की चोरी, डेटा की चोरी, ऑनलाइन पैसों की चोरी आदि जैसे साइबर फ्रॉड का खतरा रहता है। अगर आप अपने बच्चों को पहले से ही सचेत रखेंगे तो उनके साथ ऐसी घटना होनी की संभावना कम
रहेगी।