ED ने WinZO के फाउंडर्स, Saumya Singh Rathore और Paavan Nanda को बेंगलुरु में गिरफ्तार किया है। इससे पहले इन दोनों से ED के ऑफिस में पूछताछ की गई थी
हाल ही में ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर बैन लगाया गया था
हाल ही में केंद्र सरकार ने ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर बैन लगाया गया था। एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म WinZO के फाउंडर्स को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर रोक के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है।
PTI की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ED ने WinZO के फाउंडर्स, Saumya Singh Rathore और Paavan Nanda को बेंगलुरु में गिरफ्तार किया है। इससे पहले इन दोनों से ED के ऑफिस में पूछताछ की गई थी। WinZO के दोनों फाउंडर्स को बुधवार को अदालत ने एक दिन की हिरासत में भेजा था। ED ने WinZO पर आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने और गलत तरीकों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। ED ने बताया है कि WinZO के कस्टमर्स को एल्गोरिद्म्स के साथ खिलाया जाता था। इसके कस्टमर्स को यह जानकारी नहीं होती थी कि वे रियल मनी गेम्स में लोगों के साथ नहीं, ब्लकि सॉफ्टवेयर के साथ खेल रहे हैं। भारत से यह कंपनी अमेरिका, ब्राजील और जर्मनी जैसे देशों में रियल मनी गेम्स को ऑपरेट कर रही थी।
प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट के लागू होने के बाद ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर बैन लग गया था। ED ने बताया था कि बैन लगाने के बावजूद WinZo के पास कस्टमर्स/गेमर्स से जुड़े 43 करोड़ रुपये पड़े हैं। WinZO Games के पास कथित तौर पर अपराध से मिली लगभग 505 करोड़ रुपये की रकम को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत फ्रीज किया गया है। कंपनी ने इस रकम को बैंक एकाउंट्स में बॉन्ड्स, फिक्स्ड डिपॉजिट्स और म्यूचुअल फंड्स के तौर पर रखा था।
ED ने Pocket52.com के तहत ऑनलाइन मनी गेमिंग सर्विसेज देने वाली Gameskraft पर भी इसी तरह का आरोप लगाया है। Gameskraft ने 30 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम का कस्टमर्स/गेमर्स को रिफंड नहीं दिया है। इस गेमिंग कंपनी के खिलाफ जांच में आठ बैंक एकाउंट्स को फ्रीज किया गया है। इन एकाउंट्स में 18.57 करोड़ रुपये की रकम मौजूद है। ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर बैन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनाई के दौरान केंद्र सरकार ने बताया है कि अनरेगुलेटेड ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के आतंकवादियों को फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से लिंक हैं। सरकार का कहना था कि इन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाने के लिए कानून लाना एक उचित कदम है।
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