2020 में भारत ने ऐसा समय देखा, जब कई महीनों तक सड़कें सुनसान थीं और स्कूल, ऑफिस और फैक्ट्रियां बंद थीं, लेकिन अस्पताल लोगों से भरे थे। हम कोविड महामारी की शुरुआत में देश में लगे लॉकडाउन की बात कर रहे हैं, जब ज्यादातर लोग अपने घरों में बंद थे, लेकिन लोगों का एक हिस्सा ऐसा भी था जो सड़कों पर कई हफ्तों तक फंसा था। एक अपकमिंग फिल्म 'Bheed' उसी हिस्से को हमारे सामने लाने वाली है, जिसका टीजर वीडियो रिलीज हो गया है। ब्लैक एंड व्हाइट टीजर में लॉकडाउन के समय में सड़कों पर फंसे गरीब लोगों और उनके ऊपर हुए जुल्म को दिखाया गया है।
84वें अकादमी पुरस्कार विजेता फ्रेंच फिल्म 'द आर्टिस्ट' के 12 साल बाद, भूषण कुमार और अनुभव सिन्हा की आने वाली सोशल ड्रामा 'Bheed' पूरी तरह से ब्लैक एंड व्हाइट में बनी एक और फीचर फिल्म है, जिसका टीजर वीडियो रिलीज हो गया है। वीडियो में देखने को मिलता है कि बड़ी तादाद में लोग सड़कों, ट्रेनों और बसों में नजर आ रहे हैं और पुलिस भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठियां बरसा रही है और पानी की बौछार छोड़ रही है। इस वीडियो के बैकग्राउंड में राजकुमार राव की आवाज सुनाई दे रहा है "आप शहर गए क्योंकि यहां कोई इंतजाम नहीं था। शहर से वापस आए क्योंकि वहां कोई इंतजाम नहीं था। गरीब आदमी के लिए कभी इंतजाम ही नहीं है। हमसे अन्याय हुआ है और रास्ता भी हम ही निकालेंगे।"
जैसा कि हमने बताया, कहानी उस समय की है, जब देश में लॉकडाउन लगा था और इस बीच प्रवासी कामगार लोग सड़कों पर फंसे हुए थे, और अपने घर जाने की जद्दोजहद में लगे थे।
'Bheed' के टीजर को पोस्ट करते हुए राजकुमार राव ने कैप्शन में लिखा, "एक संकट जिसने देश और उसके लोगों के भीतर सीमाएं बना दीं।"
हाल ही में इस फिल्म का टीजर पोस्टर रिलीज हुआ था, जिसमें लोगों से भरी एक बस और उसके पास सैंकड़ों लोगों की भीड़ दिखाई दे रही थी। इस पोस्टर को शेयर करते हुए
राजकुमार राव ने लिखा था, 'हम कहानी बता रहे है उस वक्त की जब बंटवारा देश में नहीं, समाज में हुआ था।"
फिल्म 'भीड़' का ट्रेलर 9 मार्च को रिलीज होगा और फिल्म 24 मार्च 2023 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। फिल्म के निर्देशक अनुभव सिन्हा पहले भी कई गंभीर विषयों पर फिल्म बना चुके हैं, जैसे Article 15, Thappad और Mulk। लेकिन भीड़ के साथ वो ब्लैक एंड व्हाइट का एक्सपेरिमेंट करने का जा रहे हैं।
NDTV के
अनुसार, अनुभव सिन्हा ने हाल ही में फिल्म के बारे में कहा था, 'भीड़ सबसे खतरनाक समय की कहानी है जिसने मानवता के लिए सब कुछ बदल दिया। फिल्म को ब्लैक एंड व्हाइट में शूट करने का मुख्य उद्देश्य यह दिखाना था कि भारत के लॉकडाउन के दौरान सामाजिक असमानता के दृश्य कैसे थे। 1947 के भारत विभाजन के दौरान लोगों ने जो कुछ झेला था, उससे काफी मिलता-जुलता है। यह कहानी उन लोगों की है, जिनका जीवन एक झटके में बदल गया और उनके जीवन के रंग तब खो गए, जब देश के भीतर सीमा खींची गई थी।'