अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार मेकर Tesla के चीफ एग्जिक्यूटिव Elon Musk ने कंपनी के पहले हेवी ड्यूटी Semi ट्रक की ग्लोबल कोला कंपनी PepsiCo को डिलीवरी दी है। हालांकि, इस कार्गो ट्रक के प्राइसिंग या प्रोडक्शन के बारे में मस्क ने कोई जानकारी नहीं मिली है।
टेस्ला के प्लांट में आयोजित इवेंट में मौजूद मस्क ने
बताया कि बैटरी से चलने वाले इस लंबी दूरी के ट्रक से हाइवे पर इमिशन कम होगा। उनका कहना था कि यह पावर और सेफ्टी में डीजल ट्रकों से बेहतर है। इसमें एक फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है जो टेस्ला के आगामी Cybertruck पिकअप में भी होगी। मस्क ने कहा, "अगर आप एक ट्रकर हैं और सड़क पर बहुत अच्छा व्हीकल चाहते हैं, तो यह आपके लिए है।" उन्होंने बताया कि टेस्ला ने लगभग पांच वर्ष पहले ऑल इलेक्ट्रिक ट्रक डिवेलप करने की घोषणा की थी और इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स को आशंका थी कि बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक ट्रक भारी लोड के साथ सैंकड़ों मील की दूरी का प्रेशर ले सकेंगे या नहीं।
Semi ट्रक के प्राइस की टेस्ला ने घोषणा नहीं की है। यह भी पता नहीं चला है कि इस ट्रक की कितनी यूनिट्स की डिलावरी पेप्सिको और अन्य कस्टमर्स को की जाएगी। टेस्ला ने बताया कि वह इस ट्रक का इस्तेमाल कैलिफोर्निया के फ्रेमॉन्ट में अपने प्लांट तक पार्ट्स पहुंचाने के लिए करेगी। कंपनी ने कुछ वर्ष पहले बताया था कि इस ट्रक के 300 मील की रेंज वाले वर्जन का प्राइस लगभग 1,50,000 डॉलर और 500 मील वाले वर्जन का 1,80,000 डॉलर होगा। हालांकि, इसके बाद से टेस्ला के पैसेंजर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के प्राइसेज में काफी बढ़ोतरी हुई है।
हाल ही में मस्क ने कहा था कि वह भारत में कम कॉस्ट वाली कारों की
मैन्युफैक्चरिंग करने का इरादा रखते हैं। उन्होंने इंडोनेशिया में चल रहे G-20 समिट के दौरान कहा था कि वह भारत और इंडोनेशिया जैसे मार्केट्स के लिए टेस्ला का कम कॉस्ट वाला मॉडल बनाने के एक प्रपोजल पर विचार कर रहे हैं। इस वर्ष की शुरुआत में भारत में केंद्र सरकार ने टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स में छूट देने के मस्क के निवेदन को ठुकरा दिया था। भारत में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की ओर से भी इस तरह की टैक्स छूट देने का कड़ा विरोध हुआ था। इस बारे में इंडस्ट्री का कहना था कि इससे देश में कारों की मैन्युफैक्चरिंग कर रही कंपनियों को नुकसान होगा। सरकार का कहना था कि नियमों के तहत देश में व्हीकल्स की असेंबलिंग पर पहले ही कम टैक्स लगता है। टेस्ला को कुछ भारतीय राज्यों ने यूनिट लगाने का निमंत्रण भी दिया था। इन राज्यों में पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र शामिल थे।