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क्‍या है 3500km रेंज वाली K-4 बैलिस्टिक मिसाइल, जिसके टेस्‍ट से चीन-पाकिस्‍तान ‘सदमे’ में

K-4 एक SLBM मिसाइल है, जिसका मतलब होता है सबमरीन से लॉन्‍च की जा सकने वाली बैलिस्टिक मिसाइल।

क्‍या है 3500km रेंज वाली K-4 बैलिस्टिक मिसाइल, जिसके टेस्‍ट से चीन-पाकिस्‍तान ‘सदमे’ में

Photo Credit: NDTV

K-4 के अलावा भारत के पास K-14 SLBM मिसाइल है, जिसकी रेंज 1500 किलोमीटर है।

ख़ास बातें
  • K-4 बैलिस्टि‍क मिसाइल का सफल टेस्‍ट
  • 3500 किलोमीटर है इसकी रेंज
  • पाकिस्‍तान और चीन भी आएंगे जद में
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What is India's K-4 Ballistic Missile : इंडियन नेवी ने उसकी न्‍यूक्लियर सबमरीन आईएनएस अरिघाट (INS Arighaat) से एक बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। 3,500 किलोमीटर रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइल का नाम K-4 है। नेवी इस मिसाइल सिस्‍टम के और टेस्‍ट करेगी। इसकी जद में सीधे-सीधे चीन और पाकिस्‍तान आते हैं। ऐसे में K-4 का टेस्‍ट दोनों देशों के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। आइए जानते हैं K-4 बैलिस्टिक मिसाइल की प्रमुख खूबियां। 

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, K-4 एक SLBM मिसाइल है, जिसका मतलब होता है सबमरीन से लॉन्‍च की जा सकने वाली बैलिस्टिक मिसाइल। दुनिया के प्रमुख देश जिनके पास SLBM मिसाइलें हैं, उनमें अमेरिका, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन, चीन के अलावा भारत शामिल है। K-4 के अलावा भारत के पास K-14 SLBM मिसाइल है, जिसकी रेंज 1500 किलोमीटर है। K-4 जिस दिन से सर्विस में आ जाएगी, यह भारत की सैन्‍य क्षमता में और इजाफा करेगी। 

अब बात उस अरिघात सबमरीन की, जिससे K-4 को टेस्‍ट किया गया। अरिघात एक न्‍यूक्लियर सबमरीन है। इसे साल 2017 में लाया गया था। जल्‍द इसका अपग्रेड वर्जन सामने आ सकता है। अरिघात को विशाखापत्तनम में इंडियन नेवी के शिप बिल्डिंग सेंटर में बनाया गया था। इसका वजन करीब 60 हजार क्विंटल है। 

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अरिघात सबमरीन के जरिए भारत अपने दुश्‍मन देशों को परमाणु मिसाइल के निशाने पर रख सकता है। जिन देशों के पास दुश्‍मन पर हमले की बाकी क्षमताओं के साथ यह क्षमता होती है, उन्‍हें न्‍यूक्लियर ट्रायड देश कहा जाता है। ऐसे देश समुद्र के अंदर से मिसाइल अटैक कर सकते हैं। ऐसी क्षमता अभी पाकिस्‍तान के पास नहीं है, भले ही वह न्‍यूक्लियर ताकत होने का दावा करता है। 
 
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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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