दुनिया में कई घातक
हेलीकॉप्टर हैं। उन्हें अलग-अलग देशों की आर्मी इस्तेमाल कर रही है। बीते दिनों हमने अमेरिका के
अपाचे हेलीकॉप्टर (Apache Helicopter) के बारे में जाना था। भारतीय सेना भी उन्हें यूज कर रही है और जल्द AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर की नई खेप देश में आने वाली है। आज बात करेंगे डेनेल रूइवॉक (Denel Rooivalk) लड़ाकू हेलीकॉप्टर की। इसे दुनिया के टॉप-10 घातक हेलीकॉप्टरों में माना जाता है। इसका डेवलपमेंट साल 1984 में शुरू हुआ था।
Denel Rooivalk मूल रूप से साउथ अफ्रीका का हेलीकॉप्टर है। इसे डेनेल एविएशन नाम की कंपनी ने मैन्युफैक्चर किया है। हेलीकॉप्टर भले साउथ अफ्रीकी ओरिजन का है, पर इसका डिजाइन, फ्रेंच एरोस्पातियाल एसए 330 प्यूमा (French Aérospatiale SA 330 Puma) से प्रभावित है, जोकि एक फ्रेंच हेलीकॉप्टर है। यहां तक कि टेक्नॉलजी और पार्ट्स भी फ्रांस पर ही निर्भर करते हैं।
डेनेल एविएशन ने इस हेलीकॉप्टर को बनाने का जिम्मा उठाया, क्योंकि वह दुनिया के बेस्ट लड़ाकू हेलीकॉप्टर में से एक को तैयार करना चाहती थी। कहा जाता है कि कंपनी काफी हद तक इसमें सफल रही। हेलीकॉप्टर का डेवलपमेंट साल 1984 में शुरू हुआ था।
हालांकि जितनी जल्दी इस हेलीकॉप्टर पर काम शुरू हुआ, इसे बनाने में उतना ही वक्त लगा। 1990 के दशक में बजट की कमी के चलते रूइवॉक के डेवलपमेंट में देरी हुई। साउथ अफ्रीका की वायुसेना यानी एयरफोर्स ने 12 रूइवॉक का ऑर्डर दिया। उसके बाद भी पहले Denel Rooivalk को साल 2011 में डिलिवर किया जा सका। साउथ अफ्रीकी एयरफोर्स इसे Rooivalk Mk 1 नाम से उड़ाती है। अबतक ऐसे 12 हेलीकॉप्टर बनाए गए हैं।
Denel Rooivalk Features
Denel Rooivalk में दो क्रू की जगह है। इसमें पायलट के अलावा वेपन सिस्टम ऑफिसर शामिल है। हेलीकॉप्टर की लेंथ 61 फीट और 5 इंच है। इसकी ऊंचाई 17 फीट है। बिना लोडिंग के यह 5,730 किलो का है और कुल 8,750 किलो वजन के साथ उड़ान भर सकता है। हेलीकॉप्टर की फ्यूल कैपिसिटी 1,854 लीटर है। यह 278 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है और रेंज 740 किलोमीटर है। यह समुद्र तल से 1525 मीटर तक ऊंचा उड़ सकता है।
Denel Rooivalk में लॉन्ग रेंज एंट्री-टैंक गाइडेड मिसाइल फिट की जा सकती है, जो इसे घातक बनाती है। यह एयर-टु-एयर मिसाइल भी लॉन्च कर सकता है। लेजर गाइडेड रॉकेट भी इससे दागे जा सकते हैं।