Terra जैसी गिरावट से बचने के लिए Tron ने किया USDD में बदलाव

स्टेबलकॉइन TerraUSD और Terra Luna में भारी गिरावट का क्रिप्टो मार्केट पर भी बड़ा असर पड़ा था। इससे बहुत सी क्रिप्टोकरेंसी के प्राइसेज गिर गए थे

Terra जैसी गिरावट से बचने के लिए Tron ने किया USDD में बदलाव

फर्म ने कहा कि USDD के लिए कोलेट्रल अधिक रखा जाएगा

ख़ास बातें
  • इसकी कुल कोलेट्रल सप्लाई लगभग 66.8 करोड़ डॉलर की हो गई है
  • इससे मार्केट से जुड़े लोगों का इस स्टेबलकॉइन को लेकर विश्वास बढ़ेगा
  • USDD की कोलेट्रल रेशियो लगभग 206 प्रतिशत की है
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हाल ही में एल्गोरिद्मिक स्टेबलकॉइन USDD लॉन्च करने वाले Tron प्रोजेक्ट ने  TerraUSD में भारी गिरावट जैसी स्थिति से बचने के लिए USDD का कोलेट्रल बढ़ाया है। इसकी कुल कोलेट्रल सप्लाई लगभग 66.8 करोड़ डॉलर की हो गई है। USDD की कोलेट्रल रेशियो लगभग 206 प्रतिशत की है। 

फर्म का कहना है कि इसके लिए 130 प्रतिशत की कोलेट्रल रेशियो को बरकरार रखा जाएगा। Tron DAO Reserve वेबसाइट पर 71 करोड़ डॉलर के रिजर्व को बिटकॉइन, Tether और Tron के TRX में दिखाया गया है। इसके अलावा सर्कुलेशन में  USDD के लिए 1.37 अरब डॉलर के एसेट्स हैं। फर्म ने कहा कि USDD के लिए कोलेट्रल अधिक रखा जाएगा। इससे मार्केट से जुड़े लोगों का इस स्टेबलकॉइन को लेकर विश्वास बढ़ेगा। Tron के फाउंडर Justin Sun ने हाल ही में बताया था कि कोलेट्रल को बढ़ाने की योजना पहले से थी लेकिन TerraUSD की गिरावट के बाद इसमें तेजी लाई गई है। 

स्टेबलकॉइन TerraUSD और Terra Luna में भारी गिरावट का क्रिप्टो मार्केट पर भी बड़ा असर पड़ा था। इससे बहुत सी क्रिप्टोकरेंसी के प्राइसेज गिर गए थे। TerraUSD में इसकी एक डॉलर की वैल्यू से लगभग 100 प्रतिशत की गिरावट हुई थी और इसके साथ ही Luna भी गिरा था। TerraUSD के डॉलर के साथ अपना जुड़ाव तोड़ने पर Luna में गिरावट शुरू हुई थी। इसका कारण इन दोनों टोकन के प्राइसेज का आपस में जुड़ा होना था। इससे इनवेस्टर्स को करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ था। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल Binance की Luna में होल्डिंग 1.6 अरब डॉलर से घटकर केवल लगभग 2,200 डॉलर की रह गई थी। 

स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं। ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है। Ethereum के फाउंडर Vitalik Buterin का मानना है कि एल्गोरिद्मिक स्टेबलकॉइन्स की इस आधार पर स्क्रूटनी की जानी चाहिए कि वे मार्केट में खराब स्थितियों के दौरान कैसा प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा था कि ऑटोमेटेड स्टेबलकॉइन्स को लेकर मुश्किल नहीं है लेकिन इनमें अधिक रिटर्न की पेशकश से नुकसान होगा। उनका कहना था कि UST में भारी गिरावट से ट्रेडर्स की यह राय बनी है कि एल्गोरिद्मिक स्टेबलकॉइन्स के स्ट्रक्चर में गड़बड़ी है। 

 

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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