वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण की वापसी से क्रिप्टो पर टैक्स बरकरार रहने के आसार

देश में क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस से मिलने वाले प्रॉफिट पर लगभग दो वर्ष से 30 प्रतिशत का टैक्स लागू है। इसके अलावा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के ट्रांसफर पर एक प्रतिशत का TDS लगता है

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Written by राधिका पाराशर, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 12 जून 2024 18:25 IST
ख़ास बातें
  • सीतारमण ने फाइनेंस मिनिस्ट्री की 2019 में पहली बार कमान संभाली थी
  • क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस से प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत का टैक्स लागू है
  • वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के ट्रांसफर पर एक प्रतिशत का TDS है

फाइनेंस मिनिस्ट्री का क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर कड़ा रुख रहा है

देश में लोकसभा चुनाव की समाप्ति के बाद प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी वापसी हुई है और उनके मंत्रिमंडल में Nirmala Sitharaman दोबारा फाइनेंस मिनिस्टर के तौर पर शामिल हैं। सीतारमण ने फाइनेंस मिनिस्ट्री की 2019 में पहली बार कमान संभाली थी। क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़ी कम्युनिटी की सीतारमण की फाइनेंस मिनिस्टर के तौर पर दोबारा नियुक्ति पर मिश्रित प्रतिक्रिया है। 

फाइनेंस मिनिस्ट्री का क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर कड़ा रुख रहा है। देश में क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस से मिलने वाले प्रॉफिट पर लगभग दो वर्ष से 30 प्रतिशत का टैक्स लागू है। इसके अलावा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के ट्रांसफर पर एक प्रतिशत का टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स (TDS) लगता है। Bharat Web3 Association (BWA) के चेयरमैन, Dilip Chenoy ने केंद्र में नई सरकार को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि Web3 एडवाइजरी ग्रुप इस सेगमेंट की ग्रोथ के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर कार्य करना जारी रखेगा। 

क्रिप्टो से जुड़े स्टेकहोल्डर्स को इस सेगमेंट के लिए टैक्स कानूनों में सीतारमण की ओर से संशोधन किए जाने का इंतजार था। हालांकि, इस वर्ष की शुरुआत में सीतारमण ने अंतरिम बजट में इस सेगमेंट के लिए टैक्स में किसी राहत की घोषणा नहीं की थी। सीतारमण के दोबारा फाइनेंस मिनिस्टर बनने से क्रिप्टो से जुड़ी कम्युनिटी को आशंका है कि डिजिटल एसेट्स के लिए टैक्स में कोई सुधार नहीं किए जाएंगे। 

इस वर्ष मार्च में सीतारमण ने कहा था कि देश में क्रिप्टोकरेंसीज को 'करेंसी' के तौर पर माना या देखा नहीं जाता। हाल ही में क्रिप्टो मार्केट में आई तेजी के बाद इस सेक्टर को लेकर सरकार के रवैये में बदलाव के प्रश्न पर, सीतारमण का कहना था, "सरकार का हमेशा से यह मानना रहा है कि क्रिप्टो को लेकर बनाए गए एसेट्स को ट्रेडिंग और कई अन्य चीजों के लिए एसेट्स के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। हमने इन्हें रेगुलेट नहीं किया है। ये करेंसीज नहीं हो सकते और यह केंद्र सरकार की पोजिशन है।" इससे पहले कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने कहा था कि ट्रांजैक्शंस में आसानी की वजह से स्टॉक मार्केट से बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स का रुख क्रिप्टो सेगमेंट की ओर हो सकता है। कुछ देशों में इस सेगमेंट के लिए रूल्स बनाए जा रहे हैं। इससे क्रिप्टो से जुड़े स्कैम के मामलों पर लगाम लगाई जा सकेगी। 

 
 

ये भी पढ़ेंभारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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