पिछले कई महीनों से चल रहे रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण बहुत से देशों पर असर पड़ रहा है। यूक्रेन पर हमला करने के कारण रूस पर बहुत से देशों ने प्रतिबंध भी लगाए हैं। यूरोपियन यूनियन (EU) ने भी इसी कड़ी में रूस से जुड़ी सभी क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शंस पर पूरी तरह बैन लगा दिया है।
EU की ओर से की गई एक पोस्ट में
बताया गया है, "क्रिप्टो एसेट्स पर मौजूदा बंदिशों को कड़ा किया गया है और रूस से जुड़े सभी क्रिप्टो वॉलेट्स, एकाउंट्स और कस्टडी सर्विसेज पर बैन लगाया गया है। इसके लिए रकम की कोई लिमिट नहीं होगी।" EU के रेगुलेटर्स का कहना है कि रूस के खिलाफ इन प्रतिबंधों का उद्देश्य रूस की सेना और इंडस्ट्री को महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स की सप्लाई रोकना है। हाल ही में रूस की सरकार ने विदेश में पेमेंट्स के लिए वर्चुअल डिजिटल एसेट्स का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी। पिछले महीने रूस के डिप्टी फाइनेंस मिनिस्टर Alexei Moiseev ने कहा था कि सेंट्रल बैंक ने देश के लोगों को क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल कर विदेश से पेमेंट्स लेने और भेजने की अनुमति पर सहमति दी है।
Moiseev का कहना था, "सेंट्रल बैंक के साथ हमारी एक बिल पर सहमति बनी है। इसमें बताया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी को कैसे खरीदना है, इसे कैसे खरीदा जा सकता है और इसे विदेश में पेमेंट्स के लिए इसका कैसे इस्तेमाल हो सकता है।" इससे पहले जुलाई में रूस की फाइनेंशियल मॉनिटरिंग एजेंसी Rosfinmonitoring ने बताया कि वह
क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शंस को ट्रैक करने के लिए एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रही है। इससे देश के लोगों को वित्तीय जोखिमों से बचाने में मदद मिलेगी। हाल ही में रूस की Roskomnadzo मीडिया मॉनिटरिंग एजेंसी ने आरोप लगाया था कि OKX क्रिप्टो एक्सचेंज गलत वित्तीय जानकारी फैला रहा है और इससे लोगों को वित्तीय नुकसान हो सकता है।
यूक्रेन को इस युद्ध में अमेरिका सहित बहुत से देशों से मदद मिल रही है। उसकी कुछ एजेंसियों को क्रिप्टोकरेंसीज के तौर पर विदेश से वित्तीय मदद भी दी जा रही है। यूक्रेन को युद्ध में भारी नुकसान हो रहा है। उसने अपनी ताकत बढ़ाने के लिए नाटो में शामिल देशों से हथियारों के साथ ही वित्तीय मदद भी मांगी है।