अमेरिका में प्रेसिडेंट Donald Trump के सख्त फैसलों और मैक्रो इकोनॉमिक संकेतों के कमजोर होने के कारण क्रिप्टो मार्केट में पिछले कुछ सप्ताह से वोलैटिलिटी है। इस मार्केट में बुधवार को कुछ रिकवरी हुई है। सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस लगभग 0.60 प्रतिशत बढ़ा है।
इस रिपोर्ट को पब्लिश किए जाने पर इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज
Binance पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 83,404 डॉलर पर था। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में लगभग 1.60 प्रतिशत का प्रॉफट था। Ether का प्राइस लगभग 1,940 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। तेजी वाली अन्य क्रिप्टोकरेंसीज में Solana और XRP शामिल थे। Cronos, Litecoin, Ripple और Monero में गिरावट थी। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 0.04 प्रतिशत बढ़कर लगभग 2.72 लाख करोड़ डॉलर पर था।
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि
बिटकॉइन में खरीदारी बढ़ी है। इसके अलावा स्पॉट बिटकॉइन ETFs में भी इनफ्लो हो रहा है। बिटकॉइन के लिए लगभग 85,000 डॉलर पर रेजिस्टेंस है। अमेरिका में फेडरल रिजर्व की मीटिंग से क्रिप्टो मार्केट को कोई बड़ा संकेत मिल सकता है। इस मीटिंग में इंटरेस्ट रेट्स को लेकर फैसला किया जा सकता है। अमेरिका में बहुत से सांसदों ने ट्रंप से क्रिप्टो को लेकर कड़ा रुख रखने का निवेदन किया है। हालांकि, ट्रंप ने इस सेगमेंट के पक्ष में कुछ फैसले किए हैं।
हाल ही में ट्रंप ने व्हाइट हाउस में क्रिप्टो समिट का आयोजन किया था। इसमें अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की क्रिप्टो टास्क फोर्स को क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े रेगुलेशंस बनाने का निर्देश दिया गया था। इस क्रिप्टो समिट में ट्रंप ने ने कहा था कि पूर्व की Biden सरकार का बड़ी संख्या में Bitcoin को बेचने का फैसला "बेवकूफी" वाला था। उनका कहना था कि इस सेगमेंट के खिलाफ ब्यूरोक्रेसी की लड़ाई को बंद किया जाएगा। ट्रंप ने बताया था, "पिछले कुछ वर्षों में अमेरिकी सरकार ने बेवकूफी वाले तरीके से हजारों बिटकॉइन को बेचा है जिनकी वैल्यू अरबों डॉलर की थी। यह बाइडेन सरकार के दौरान हुआ था।" इससे पहले ट्रंप ने क्रिप्टोकरेंसीज का रिजर्व बनाने की भी घोषणा की थी। हालांकि, इस रिजर्व के लिए बिटकॉइन की खरीदारी नहीं की जाएगी। इसमें अमेरिकी सरकार की ओर से जब्त किए गए बिटकॉइन शामिल होंगे।