Chandrayaan-3 मिशन की कामयाबी ने भारतीय स्पेस एजेंसी
इसरो (ISRO) को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। अब उन मिशनों की बात होने लगी है, जिन्हें आने वाले दिनों में लॉन्च किया जाएगा। इनमें अगले महीने लॉन्च के लिए प्रस्तावित आदित्य एल-1 मिशन (Aditya L1) सबसे अहम है।
चंद्रयान-3 के बाद इसरो चांद पर नए मिशन पर आगे बढ़ गई है। रिपोर्ट के अनुसार, इसरो और जापान की स्पेस एजेंसी ‘जाक्सा' मिलकर चांद पर मिशन भेजने वाले हैं।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इसरो अपने अगले मून मिशन को संभवत: जापान की स्पेस एजेंसी ‘जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी' (जाक्सा) के साथ मिलकर पूरा करेगी। इस पर तेजी से काम किया जा रहा है।
ISRO का अगला मून मिशन क्या है?
बताया जाता है कि जाक्सा और इसरो के अगले मून मिशन का नाम ‘लूनर पोलर एक्सप्लोरेश मिशन' (लुपेक्स LUPEX) है। इसके तहत इसरो का काम लैंडर को तैयार करना और जाक्सा की जिम्मेदार रोवर को तैयार करना है।
NASA और ESA के उपकरण भी ले जाएगा मिशन
रिपोर्ट के अनुसार, जापान और भारत मिलकर जिस मून मिशन को रवाना करने वाले हैं, उसमें सिर्फ जाक्सा और इसरो के ही इंस्ट्रूमेंट्स नहीं होंगे। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) और यूरोपीय स्पेस एजेंसी ईएसए (ESA) के उपकरण भी इस मिशन में शामिल होंगे।
रिपोर्ट कहती है कि जापान की नेशनल स्पेस पॉलिसी पर कैबिनेट कमिटी के उपाध्यक्ष साकू त्सुनेता इस महीने की शुरुआत में बंगलूरू स्थित इसरो के मुख्यालय आए थे और उन्होंने इसरो के प्रमुख एस. सोमनाथ के साथ हुई बैठक में लुपेक्स मिशन की प्रगति पर चर्चा की।
जाक्सा के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि लुपेक्स मिशन का मकसद चंद्रमा पर स्थायी गतिविधियों के लिए बेस बनाने से जुड़े काम पूरे करना है। ऐसे इलाकों की खोज करना है, जहां भविष्य में मिशनों को लैंड किया जा सके। यही नहीं, चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी से जुड़े सबूत खोजना भी मिशन का हिस्सा होगा।
कब लॉन्च होगा लुपेक्स मिशन?
इसरो के अधिकारी के मुताबिक, लुपेक्स मिशन को साल 2025 में भेजने की योजना है। यह मिशन चंद्रमा के साउथ पोलर रीजन में लैंड करेगा।