Whatsapp (व्हाट्सएप) को लेकर भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय (MeitY) ने एक पत्र लिखा है। यह पत्र व्हाट्सएप के सीईओ (CEO) विल कैथर्ट (Will Cathcart) को लिखा गया है। इस पत्र में व्हाट्सएप से भारत में उसकी प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट में हुए बदलाव को वापस लेने के लिए कहा गया है। व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के तहत वह यूजर्स के डाटा को उसकी पैरेंट कंपनी फेसबुक के साथ शेयर कर सकती है। पत्र में कहा गया है कि मैसेजिंग एप द्वारा पॉलिसी में बदलाव सही नहीं है और इन्हें एक्सेप्ट नहीं किया जा सकता है।
WhatsApp के सीईओ को लिखे गए पत्र में MEITY ने यूजर्स की इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यूजर्स की चैट का डाटा बिजनेस अकाउंट से शेयर करने से फेसबुक की दूसरी कंपनियों को यूजर्स के बारे में जानकारी मिलेगी, जो यूजर्स की प्राइवेसी के हिसाब से ठीक नहीं है। इससे यूजर्स की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
Whatsapp ने अपनी नई पॉलिसी रिव्यू के लिए 15 मई तक का समय यूजर्स को दिया है। हालांकि MEITY के मुताबिक व्हाट्सएप का पॉलिसी को लेकर यह कहना कि या तो मानें या फिर छोंड़े, यूजर्स को नई शर्तों को मानने को मजबूर कर रहा है।इसके अलावा मंत्रालय ने यह भी कहा है कि यूरोपीय संघ और भारत के लिए अलग-अलग पॉलिसी व्हाट्सएप क्यों अपना रहा है। भारत व्हाट्सएप के लिए एक बड़ा मार्केट है, जहां उसका सबसे बड़ा यूजर बेस है। लेकिन कंपनी की अलग-अलग पॉलिसी बताती है कि वह भारतीय यूजर्स का सम्मान नहीं करता है।
Whatsapp की पॉलिसी को लेकर इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि यह एक प्राइवेट एप है। ऐसे में कोर्ट ने लोगों से कहा था कि अगर उन्हें व्हाट्सएप की पॉलिसी पसंद नहीं है तो वह इसे छोड़ सकते हैं। इससे पहले एक
सर्वे में पता चला था कि नई पॉलिसी के बाद भारत में केवल 18 पर्सेंट यूजर्स ही व्हाट्सएप का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं। वहीं 36 पर्सेंट यूजर्स ने ऐसी संभावना जताई है कि वह व्हाट्सएप यूसेज को काफी कम कर देंगे। इसके अलावा 15 पर्सेंट यूजर्स ने प्राइवेसी विवाद के बीच ऐप को पूरी तरह से बंद करने की संभावना जताई है।
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