WhatsApp अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर पिछले कुछ महीनों से विवादों में घिरा हुआ है। पहले यह पॉलिसी 8 फरवरी से लागू होनी थी, लेकिन बढ़ते विवाद को देखते हुए कंपनी ने इसे कुछ महीनों के लिए टाल दिया। अब ये पॉलिसी 15 मई से लागू होने जा रही है। हालांकि, कंपनी की इस पॉलिसी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर कंपनी को अपना जवाब देना था। रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाट्सऐप ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट के खिलाफ दायर याचिका के जवाब में कहा है कि कई इंटरनेट-आधारित ऐप्स व वेबसाइट्स की पॉलिसी भी इसके समान ही हैं व कुछ कंपनियां तो इससे ज्यादा डाटा एकत्रित करती हैं। Facebook के स्वामित्व वाले इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप ने कथित तौर पर अपने हलफनामे में Big Basket, Koo, Ola, Truecaller और Zomato के साथ-साथ सरकार की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग ऐप Aarogya Setu की प्राइवेसी पॉलिसी तक का हवाला दिया है।
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रिपोर्ट में 5 मई को दिल्ली हाईकोर्ट में दायर हलफनामे का हवाला देते जानकारी दी है कि WhatsApp ने अपने हलफनामे में Big Basket, Koo, Ola, Truecaller और Zomato के साथ-साथ सरकार की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग ऐप Aarogya Setu और यूएस टेक कंपनी Google, Microsoft, Zoom व Republic World का भी नाम लिया है जो कि रिपब्लिक टीवी का डिजिटल वेंचर है। व्हाट्सऐप ने कथित रूप से हलफनामे में कहा है कि यदि कोर्ट द्वारा उनकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को ब्लॉक किया जाता है, तो इस फैसले से देश की अन्य टेक कंपनियां भी प्रभावित होंगे, जिनमे ग्रोसली डिलीवर करने वाली कंपनियां और डॉक्टर की ऑनलाइन अपॉइंटमेंट शामिल होंगी।
गौरतलब है कि व्हाट्सऐप ने अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी की घोषणा के बाद से यह
स्पष्ट कर दिया था कि अपडेट मुख्य रूप से प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले बिजनेस अकाउंट के लिए अपडेट की गई है। इसका मतलब है कि एक बार अपडेट की गई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार कर लेने के बाद, ऐप यूज़र की डिटेल्स जैसे उनके फोन नंबर और ट्रांजेक्शन डेटा को व्यवसायों के साथ साझा किया जाएगा। लेकिन फिर भी, WhatsApp ने कहा है कि इन बदलाव का असर "किसी के साथ किए गए चैट्स पर नहीं पड़ेगा।
पहले इस अपडेटेड पॉलिसी को अपनाने की आखिरी तारीख पहले 8 फरवरी थी, लेकिन बाद में
कंपनी ने इसे 15 मई कर दिया था।