COVID-19 लक्षण को पहचानने वाले जियो टूल को लेकर एक रिपोर्ट में हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल, रिपोर्ट के अनुसार जियो के इस टूल पर लाखों लोगों का डेटा बिना किसी सिक्योरिटी के पाया गया है। हालांकि, रिपोर्ट के सामने आने के बाद Jio ने इस डेटाबेस को ऑफलाइन कर दिया है, ऑफलाइन करने से पहले इस डेटाबेस पर 17 अप्रैल के बाद के रिकॉर्ड्स खुलेआम एक्सेसबल थे। खबरों की मानें, तो इसमें उन सभी लोगों का डेटा शामिल था, जिन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को पहचानने के लिए इस टूल की मदद से सेल्फ टेस्ट किया था।
TechCrunch की रिपोर्ट के अनुसार, Jio के COVID-19 ट्रैकिंग टूल के डेटाबेस में सेल्फ टेस्ट करने वाले यूज़र्स का व्यक्तिगत डेटा, जैसे ब्राउज़र वर्ज़न और ऑपरेटिंग सिस्टम, प्रोफाइल रिकॉर्ड, इसके अलावा टूल के द्वारा पूछे गए सेल्फ टेस्ट सवालों के जवाब आदि भी इसमें शामिल थे। यही नहीं इसमें उन यूज़र्स की लोकेशन भी शामिल थी, जिन्होंने अपने डिवाइस में लोकेशन को इनेबल किया हुआ था।
सिक्योरिटी रिसर्चर अनुराग सेन ने 1 मई को पाया कि इस टूल का डेटा इंटरनेट पर बिना किसी पासवर्ड के उपलब्ध है। जैसे ही जियो को इस कमी के बारे में जानकारी दी गई, उन्होंने तुरंत इसे ऑफलाइन कर दिया। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि डेटाबेस का यह डेटा सिक्योरिटी रिसर्चर के अलावा किसी थर्ड पार्टी ने हाथ लगा है या नहीं।
TechCrunch को जियो के प्रवक्ता तुषार पानिआ ने कहा कि उन्होंने इस समस्या पर तुरंत एक्शन लिया है। यह लॉगिंग सर्वर उनकी वेबसाइट की परफॉर्मेंस को मॉनिटर करने के लिए था। जो कि केवल उन सीमित लोगों के इस्तेमाल के लिए था जो सेल्फ-टेस्ट करके यह देखना चाहते थे कि उनमें कोई कोविड-19 लक्षण है या नहीं।
आपको बता दें, Jio ने मार्च के अंत में COVID-19 सेल्फ-टेस्टिंग टूल
लॉन्च किया था। ऐसा ही कुछ चेकर भारतीय एयरटेल ने भी इसके साथ पेश किया था। इस टूल को खासतौर पर ऐसे डिज़ाइन किया गया था, ताकि लोग यह जांच कर सके कि उनमें कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा है या नहीं। इस टेस्ट के लिए यूज़र को अपना जेंडर जैसे अन्य निजी जानकारी देनी होती है। इस टूल के जरिए यूज़र अपने परिवार के सदस्य का भी टेस्ट कर सकते हैं। यह टूल यूज़र से उसकी उम्र, क्या वह किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए थे जो कोविड-19 पॉजिटिव था? आदि सवाल भी करती है।