देश के पहले क्लाउड आधारित सुरक्षित प्लेटफार्म डिजिलॉकर को यहां बुधवार को लांच किया गया। इसमें जरूरी दस्तावेजों और प्रमाणपत्रों को रखा जा सकता है और इसका डिजिटली सत्यापन भी किया जा सकेगा। इस प्लेटफार्म का उद्घाटन केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मिलकर परिवहन मंत्रालय में किया।
इस प्लेटफार्म को डिजिटल इंडिया पहल के अंतर्गत लांच किया गया है। इसका लक्ष्य कागजरहित शासन का विचार है, ताकि लोगों का सशक्तिकरण हो।
मंत्रालय के मुताबिक, डिजिलॉकर के आने के बाद अब दस्तावेजों को साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी। इसे कहीं भी कभी भी एक्सेस किया जा सकेगा, ऑनलाइन साझा भी किया जा सकेगा और जालसाजी से भी बचाव होगा।
ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के
डिजिलॉकर ऐप में रखकर उसे मोबाइल फोन से भी एक्सेस किया जा सकेगा। गडकरी ने इस अवसर पर कहा, "इससे पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी। लोगों को यह जानकर खुशी होगी कि इससे वाहनों का पंजीकरण भी किया जा सकेगा, जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा।"
वर्तमान में परिवहन मंत्रालय के पास 19 करोड़ वाहनों के पंजीकरण के दस्तावेज हैं तथा 10 करोड़ ड्राइविंग लाइसेंस हैं, जिसे डिजिलॉकर में भी डाला जाएगा। प्रसाद ने कहा, "डिजिलॉकर डिजिटीकरण का एक अलग और अनूठा प्रतीक है। अगले साल से इसके उपयोग में जबरदस्त तेजी आएगी।"
इस पर आप अपने दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं और ई-साइन सुविधा से डिजिटली साइन भी कर सकते हैं, जो खुद से सत्यापन की प्रक्रिया जैसी है। मंत्रालय के मुताबिक, अब तक डिजिलॉकर के 21 लाख यूज़र बन चुके हैं।