चीनी कंपनी Xiaomi ने भारत में Samsung को पछाड़कर देश के टॉप स्मार्टफोन विक्रेता का तमगा हासिल कर लिया है। दो रिसर्च फर्म, काउंटरप्वॉइंट और कैनालिस के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2017 की चौथी तिमाही में शाओमी ने सैमसंग को मात दे दी है। आपको बता दें कि 6 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब सैमसंग से टॉप स्मार्टफोन विक्रेता का ताज़ छिना है।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के असोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक ने बताया, ''बेहतर बजट में अच्छी खूबियों वाले फोन और बाजार विस्तार की कुशल रणनीति के बलबूते शाओमी, चीन के बाद स्मार्टफोन के सबसे बड़े बाजार भारत में भी सर्वोच्च स्थान हासिल करने में सफल रही।''
करीब 4 साल पहले भारत में कदम रखने वाली चीनी कंपनी शाओमी अब पब्लिक लिस्टिंग की ओर कदम बढ़ा रही है। शाओमी की बाजार में वैल्यू तकरीबन 6.34 लाख करोड़ रुपये की है। शाओमी की इस बढ़त में ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट और अमेज़न इंडिया की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। कहा जा रहा है कि मार्केटिंग पर ज्यादा खर्च किए बिना कंपनी को इन ई-कॉमर्स वेबसाइट पर एक के बाद एक होने वाली फ्लैश सेल का जमकर फायदा मिला।
काउंटरप्वाइंट ने पाया कि चौथे क्वॉर्टर में शाओमी ने भारत में जहां 25 फीसदी बाजार पर कब्जा जमाया, वहीं सैमसंग 23 फीसदी पर सिमट गई। रिपोर्ट में स्मार्टफोन को मार्केट में उपलब्ध कराए जाने को इस 'कब्जे' का आधार माना गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, लेनोवो, ओप्पो और वीवो की भारतीय बाजार में हिस्सेदारी 6-6 फीसदी है। हालांकि, यह अलग बात है कि रिपोर्ट में 'टॉप स्मार्टफोन विक्रेता' सैमसंग को ही कहा गया है, क्योंकि कंपनी ने साल 2017 की पहली छमाही में शाओमी से बहुत बेहतर प्रदर्शन किया था।
एक और शोध फर्म कैनालिस के मुताबिक, चौथे क्वॉर्टर में शाओमी ने जहां 8.2 मिलियन (लगभग 82 लाख) स्मार्टफोन को शिप किया, वहीं सैमसंग के लिए यह आंकड़ा 7.3 मिलियन (लगभग 73 लाख) रहा। कैनालिस के विश्लेषक ईशान दत्त ने बताया, ''यूं तो शाओमी की सफलता के कई कारण हैं लेकिन एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि कंपनी की भारतीय ईकाई की स्वायत्तता है। भारतीय इकाई को स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से बिजनेस करने की छूट मिली।''
कैनालिस के विश्लेषण के मुताबिक, भारतीय बाजार पर शाओमी का 27 फीसदी कब्जा दिखाया गया और सैमसंग की हिस्सेदारी 25 फीसदी दर्ज की गई। कैनालिस के रुषभ दोषी कहते हैं, ''सैमसंग को नुकसान इसलिए हुआ क्योंकि कंपनी किफायती प्राइस रेंज में कुछ नया करने में नाकाम रही।'' उन्होंने कहा कि क्वॉर्टर दर क्वॉर्टर सैमसंग की गिरावट का यही कारण है कि कंपनी बजट फोन खरीदने वाले ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पाई और 15,000 रुपये कीमत वाली कैटेगरी में शाओमी के मुकाबले ग्राहकों की मांग पूरा करने में वह असफल रही।
सैमसंग का आधिकारिक बयान है कि जीएफके के आंकड़ों में वह सितंबर से नवंबर के दौरान भारत में सबसे ज्यादा स्मार्टफोन बेचने वाली कंपनी रही है। हमने शाओमी से भी आधिकारिक तौर पर बयान लेने की कोशिश की, लेकिन खबर लिखे जाने तक कंपनी से हमारा संपर्क नहीं हो सका।