केंद्र सरकार ने हाल ही में टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक अहम निर्देश जारी किया है। यह निर्देश भारत के संचार मंत्रालय (DoT) ने 7 मई, 2025 को जारी किया है, जिसमें सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (TSPs) और संबंधित अधिकारियों से कहा गया है कि वे देश के बॉर्डर के इलाकों और आपातकालीन स्थितियों में कम्युनिकेशन सर्विस की निरंतरता सुनिश्चित करें। मंत्रालय ने यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और जरूरी सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया है, खासकर उन इलाकों में जहां प्राकृतिक आपदाओं या सैन्य खतरे की संभावना हो।
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रिपोर्ट के मुताबिक, इस निर्देश में मंत्रालय ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की सलाह दी है। इसमें सबसे पहले तो यह सुनिश्चित करने की बात की गई है कि सीमा के 100 किलोमीटर के दायरे में सभी महत्वपूर्ण टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर की लिस्ट अपडेट की जाए। इसके साथ ही, डीजल जनरेटर सेट्स के लिए ईंधन रिजर्व की व्यवस्था और जरूरी रिपेयर टूल्स से लैस रिजर्व टीमें तैयार रखनी होंगी, ताकि किसी आपातकालीन स्थिति में तुरंत सेवा बहाल की जा सके।
मंत्रालय ने यह भी निर्देश दिया है कि राज्य सरकारों से समन्वय करते हुए टेलीकॉम कर्मचारियों की सुरक्षित आवाजाही और संचार इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही, जब रक्षा मंत्रालय की तरफ से किसी विशिष्ट तारीख पर सर्विस की आवश्यकता हो, तो उसे बिना किसी देरी के पूरा किया जाए।
इसके अलावा, DoT ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि वे अपनी सिस्टम्स की रेडंडेंसी जांचें और किसी भी आपात स्थिति में ऑपरेशनल रेडीनेस की स्थिति में रखें। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, इक्विपमेंट्स और मीडिया पाथ शामिल हैं। साथ ही, ICR (इंट्र-सर्कल रोमिंग) सुविधा का टेस्ट भी किया जाए, ताकि जब जरूरत हो तो इसे तत्काल सक्रिय किया जा सके।
रिपोर्ट बताती है कि सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी संबंधित TSPs और राज्य स्तर पर सटीक समन्वय और प्रभावी योजना बनाई जाए। DoT ने सभी अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि वे इमरजेंसी की किसी भी स्थिति की तैयारियों की स्थिति की रिपोर्ट समय-समय पर मंत्रालय को भेजें।