भारत की अग्रणी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल ने देश में अपने सभी प्रीपेड सब्सक्राइबर के लिए कॉल दरें प्रति सेकेंड के आधार पर तय करने का फैसला किया है। कंपनी इसके जरिए यह तय करना चाहती है कि यूज़र सिर्फ नेटवर्क इस्तेमाल किए गए वक्त का ही पैसा चुकाएं।
कंपनी का यह फैसला टेलीकॉम नियामक ट्राई की उन कोशिशों के बीच आया है जब यह जानने की कोशिश हो रही है कि कहीं टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को कॉल ड्रॉप से फायदा तो नहीं हो रहा।
कंपनी ने बयान जारी करके कहा, ''आज से देश के सभी प्रीपेड यूज़र प्रति सेकेंड की दर से पैसा चुकाएंगे। इस तरह से हम यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि प्रीपेड यूज़र उतने ही वक्त का पैसा चुकाएं जितनी देर के लिए उन्होंने नेटवर्क का इस्तेमाल किया।"
जून 2015 में जारी आंकड़ों के मुताबिक, एयरटेल के 94.4 फीसदी यूज़र प्रीपेड प्लान का इस्तेमाल कर रहे थे। कॉल ड्रॉप को लेकर बढ़ती शिकायतों के बीच हाल ही में टेलीकॉम सचिव राकेश गर्ग ने कहा था कि ऐसे प्लान की प्लान की जांच होनी चाहिए जिनमें यूज़र को कुछ फ्री कॉल मिनट तो मिलते हैं और बिलिंग मिनट के आधार पर होती है।
हालांकि, भारती एयरटेल (भारत और दक्षिण अफ्रीका) के सीईओ गोपाल विट्टल ने कहा था कि कंपनी के 95 फीसदी प्लान प्रति सेकेंड पर आधारित हैं, इसलिए कंपनी को कॉल ड्रॉप से कोई फायदा नहीं होता।
आपको बता दें कि पिछले 3-4 महीनों में कॉल ड्रॉप की बहुत ज्यादा शिकायतें सामने आई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस समस्या पर चिंता जताते हुए आधिकारियों को इसका हल निकालने का निर्देश दिया था।
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