पिछले वर्ष देश में लॉन्च किए गए हाई-स्पीड 5G टेलीकॉम नेटवर्क का ड्रग्स की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग जैसे अपराधों में गलत इस्तेमाल होने की आशंका है। यह इस तरह के अपराधों में बिचोलियों और एजेंट्स के लिए मददगार हो सकता है। हाल ही में समाप्त हुई राज्यों के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) और इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (IGP) की कॉन्फ्रेंस में कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की ओर से जमा किए गए पेपर्स में यह आशंका जताई गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया था।
इन पेपर्स में
कहा गया है कि 5G नेटवर्क आसानी से एक्सेस किए जा सकने वाले और ओपन इंटरनेट प्रोटोकॉल्स पर बना है और इसमें पिछले टेलीकॉम नेटवर्क्स की सभी कमियां हैं जिससे यह सायबर अटैक का शिकार हो सकता है और यह पूरे सिस्टम की सिक्योरिटी के लिए रिस्क होगा। पेपर्स को लिखने वाले IPS अधिकारियों ने सरकार के संवेदनशील कम्युनिकेशन और सेना के इस्तेमाल के लिए एक रिजर्व 5G बैंडविद्थ और अधिक सुरक्षित इक्विपमेंट का सुझाव दिया है। इसके साथ ही यह कहा गया है कि सरकारी एजेंसियों के लिए केवल न्यूनतम सायबर रिस्क या अधिकतम सेफ्टी प्रोटोकॉल्स रखने वाली अधिकृत फर्मों को ही कार्य की अनुमति होनी चाहिए।
पिछले सप्ताह हुई इस तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री के अलावा होम मिनिस्टर अमित शाह, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोवाल और लगभग 350 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। इसमें जमा किए गए पेपर्स के अनुसार, "5G नेटवर्क्स का इस्तेमाल करने वाली क्रिप्टोकरेंसीज और डीसेंट्रलाइज्ड बैंकिंग सिस्टम्स की लोकप्रियता बढ़ रही है और इनसे जुड़ी लिंकेज और फाइनेंशियल ट्रेल का पता लगाना मुश्किल होगा। 5G से नशीले पदार्थों की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग जैसे अपराधों के लिए बिचोलियों और एजेंट्स को लिंकेज तैयार करने में आसानी हो सकती है।"
देश की टॉप टेलीकॉम कंपनियों में शामिल
Reliance Jio अपना मेगा 5G नेटवर्क बनाने के लिए यूरोप की टेलीकॉम इक्विपमेंट सप्लायर्स Nokia और Ericsson के साथ कॉन्ट्रैक्ट किए हैं। स्वीडन की टेलीकॉम इक्विपमेंट मेकर Ericsson ने रिलायंस जियो के साथ 5G नेटवर्क तैयार करने के लिए लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट की घोषणा की है। इसके तहत एरिक्सन के एनर्जी एफिशिएंट 5G रेडियो एक्सेस नेटवर्क (RAN) प्रोडक्ट्स और सॉल्यूशंस जियो को दिए जाएंगे। यह देश में रेडियो एक्सेस नेटवर्क के लिए जियो और एरिक्सन के बीच पहला टाई-अप है।
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