वैज्ञानिकों ने दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल कैमरा को ऑफिशियली पेश किया है। खबर में दिख रही तस्वीर ‘लार्ज सिनोप्टिक सर्वे टेलीस्कोप' (LSST) की है। अमेरिका के कैलिफोर्निया के मेनलो पार्क में स्थित एक लैबोरेटरी में जल्द इस कैमरा का निर्माण पूरा होने वाला है। 3200 मेगापिक्सल का यह कैमरा कितना पावरफुल है, इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि यह 15 मील (24 किलोमीटर) दूर से गोल्फ की गेंद को देख सकता है। इसका आकार एक छोटी एसयूवी के आसपास है। इसके लेंस का व्यास 5 फीट से ज्यादा है।
डेली मेल की
रिपोर्ट के अनुसार, कैमरे के निर्माण का काम पूरा होने के बाद इसे चिली की रुबिन ऑब्जर्वेट्री में लगाया जाएगा, जहां से यह समूचे दक्षिणी आकाश की तस्वीरों को रात में कैप्चर करेगा। बताया जाता है कि यह रात के आसमान को बारीकी से देखेगा और अब तक देखे गए तारों और आकाशगंगाओं की संख्या को लिस्ट करेगा।
कैमरे का काम अभी पूरी तरह से पूरा नहीं हुआ है, लेकिन इसके सभी मैकेनिकल कॉम्पोनेंट अब एकसाथ हैं। बताया गया है कि एलएसएसटी कैमरा अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा है। यह लगभग 5.5 फीट बाय 9.8 फीट का है। एक छोटी एसयूवी कार के आकार का है। कैमरे का वजन लगभग 2800 किलोग्राम है।
इसका फोकल प्लेन काफी प्रभावशाली है। इसमें 189 CCD सेंसर लगे हैं। हरेक सीसीडी एक आईफोन के मुकाबले ज्यादा पिक्सल पैक करता है। कैमरे का फोकल प्लेन, स्मार्टफोन के कैमरे के समान है। यह किसी चीन से निकलने वाले या रिफ्लेक्ट होने वाले प्रकाश को पकड़ता है और उसे इलेक्ट्रिकल सिग्नलों में बदलता है, जिसकी मदद से डिजिटल छवि बनाई जाती है। इसमें लगे 189 CCD सेंसर कुल मिलाकर 3200 मेगापिक्सल की इमेज बनाते हैं।
साल के खत्म होने से पहले यह कैमरा फाइनल मॉडिफिकेशन के दौर से गुजरेगा। अगले साल मई में इसे चिली पहुंचाया जाएगा, जिसके बाद अगले ही साल इसे कभी भी शुरू किया जा सकता है। LSST कैमरे का इस्तेमाल करके रुबिन ऑब्जर्वेट्री अब तक की सबसे बड़ी खगोलीय फिल्म बनाएगी। इसमें ब्रह्मांड के कुछ सबसे बड़े रहस्यों जैसे डार्क मैटर और डार्क एनर्जी पर बात होगी। ऑब्जर्वेट्री के डायरेक्टर स्टीवन कान कह चुके हैं कि यह उपलब्धि रुबिन ऑब्जर्वेट्री प्रोजेक्ट में सबसे महत्वपूर्ण है।