Elon Musk दुनिया के उन इंडस्ट्रिलिस्ट में शामिल हैं, जो अंतरिक्ष के क्षेत्र को टटोलने में जी-जान से जुटे हैं। साल 2002 में उन्होंने अपनी स्पेस कंपनी स्पेसएक्स (
SpaceX) बनाई। यह सैकड़ों स्पेस मिशनों को लॉन्च कर चुकी है। स्पेसएक्स की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक (Starlink) दुनियाभर में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस मुहैया करा रही है। अब एलन मस्क दुनिया का सबसे भारी रॉकेट उड़ाना चाहते हैं। स्टारशिप (Starship) नाम का रॉकेट कई परीक्षणों से गुजर चुका है। उम्मीद है कि भविष्य में इसी रॉकेट से इंसान को चांद और मंगल तक ले जाया जाएगा। हालांकि साल 2020 में दिया गया उनका एक बयान फिर से चर्चा में है।
लाइव साइंस की
रिपोर्ट के अनुसार, एक नई किताब ‘स्पेसएक्स: एलन मस्क एंड द फाइनल फ्रंटियर'
("SpaceX: Elon Musk and the Final Frontier" में साइंस जर्नलिस्ट ब्रैड बर्गन ने मस्क के दृष्टिकोण को पेश किया है। किताब में बताया गया है कि किस तरह से मस्क ने एक ऐसा बिजनेस खड़ा किया जो नासा (Nasa) जैसी स्पेस एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण बन गया है।
किताब में अंतरिक्ष यात्रा से जुड़ी भारी लागतों की बात भी की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में वॉशिंगटन डीसी में एक सम्मेलन में एलन मस्क ने कहा था अगर हम अपनी प्रोग्रेस में सुधार नहीं करते, तो मैं निश्चित रूप से मंगल ग्रह पर जाने से पहले ही मर जाऊंगा। जाहिर तौर पर मस्क ने अंतरिक्ष खासतौर पर मंगल ग्रह पर इंसानी मिशनों में हो रही देरी पर बात की थी।
रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले दशकों में मंगल ग्रह पर इंसान के पहुंचने के उम्मीद है। हालांकि वहां इंसानी बस्ती बसाना कठिन है क्योंकि लंबी यात्राओं के लिए लोगों को मानसिक और शारीरिक तौर पर मजबूत बनाना होगा।
मंगल का सस्ता सफर चाहते हैं मस्क
एलन मस्क कह चुके हैं कि वह मंगल ग्रह पर इंसान को कम से कम खर्च पर पहुंचाना चाहते हैं। इसकी लागत 5 लाख डॉलर से कम हो सकती है। शायद 1 लाख डॉलर से भी कम में इंसान मंगल तक पहुंच जाए। हालांकि मस्क ने ये आंकड़े 2019 में दिए थे, जो कीमत वक्त के हिसाब से बढ़ेगी।
मंगल ग्रह पर बिल्डिंग सेटअप की बात करें तो 2017 में मस्क ने अनुमान लगाया था कि मंगल ग्रह पर मटीरियल ले जाने की कॉस्ट 1 लाख 40 हजार डॉलर प्रति टन होगी। उन्होंने पूरे सेटअप का बजट 100 अरब डॉलर आंका था। मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती बसाने के लिए मस्क साल 2050 का अनुमान लगा चुके हैं।
जाहिर तौर पर यह डेटलाइन और आगे बढ़ सकती है। शायद यही वजह है कि मस्क ने कहा, अगर हम अपनी प्रोग्रेस में सुधार नहीं करते, तो मैं निश्चित रूप से मंगल ग्रह पर जाने से पहले ही मर जाऊंगा।