ISRO : क्‍या होती है स्पेस डॉकिंग? अंतरिक्ष में दो स्‍पेसक्राफ्ट जोड़ने से भारत को क्‍या फायदा होगा? जानें

ISRO Spadex Mission : ऐसा करने वाला भारत अब दुनिया का चौथा देश बन गया है। यह कामयाबी अबतक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के नाम थी।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 16 जनवरी 2025 13:57 IST
ख़ास बातें
  • इसरो का Spadex मिशन कामयाब
  • अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक जोड़े 2 स्‍पेसक्राफ्ट
  • ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश

स्‍पेस डॉकिंग की प्रक्र‍िया में दो स्‍पेसक्राफ्टों को एक ही ऑर्बिट में लाया जाता है।

Photo Credit: ISRO

ISRO Spadex Mission : भारतीय स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) का Spadex मिशन कामयाब हो गया। कई दिनों से देशवासी जिसका इंतजार कर रहे थे, वह गुड न्‍यूज गुरुवार सुबह आई। इसरो ने बताया कि उसने अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक दो स्‍पेसक्राफ्टों को आपस में जोड़ दिया है, जिसे स्‍पेस डॉकिंग कहा जाता है। ऐसा करने वाला भारत अब दुनिया का चौथा देश बन गया है। यह कामयाबी अबतक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के नाम थी। स्पेस डॉकिंग क्‍या होती है और भारत को इससे क्‍या फायदा होगा? आइए जानते हैं। 
 

ऐसे मिली कामयाबी

रिपोर्ट्स के अनुसार, इसरो को अंतरिक्ष में दो स्‍पेसक्राफ्टों को जोड़ने में कोई दिक्‍कत नहीं आई। दोनों स्‍पेसक्राफ्टों के बीच 15 मीटर की दूरी को तीन मीटर तक कम किया गया। फ‍िर उन्‍हें रोका गया और आखिर में एक-दूसरे से जोड़ दिया गया। 
   

क्या होती है स्पेस डॉकिंग 

अंतरिक्ष में कोई भी स्‍पेसक्राफ्ट एक ऑर्बिट में घूमता है। स्‍पेस डॉकिंग की प्रक्र‍िया में दो स्‍पेसक्राफ्टों को एक ही ऑर्बिट में लाया जाता है। फ‍िर उन्‍हें एक-दूसरे के करीब लाकर आपस में जोड़ दिया जाता है। उदाहरण के साथ इसे समझना है तो आपने इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन के बारे में सुना होगा, जो एक तरह से स्‍पेसक्राफ्ट ही है। जब भी वहां अंतरिक्ष यात्र‍ियों की नई टीम जाती है तो एक स्‍पेसक्राफ्ट को धरती से लॉन्‍च करके आईएसएस के साथ डॉक किया जाता है, तभी एस्‍ट्रोनॉट्स वहां पहुंच पाते हैं। 
 

स्पेस डॉकिंग से कौन से काम होते हैं

स्‍पेस डॉकिंग के जरिए एस्‍ट्रोनॉट्स को स्‍पेस में दूसरे स्‍पेसक्राफ्ट के साथ डॉक किया जाता है। उन तक सप्‍लाई पहुंचाने में भी स्‍पेस डॉकिंग का इस्‍तेमाल होता है। इसके अलावा खुद ISS को बनाते वक्‍त स्‍पेस डॉकिंग तकनीक अपनाई गई थी। चीन ने भी ऐसा करके ही अपना स्‍पेस स्‍टेशन बनाया है। दोनों देशों में स्‍पेस स्‍टेशनों के मॉड्यूलों को अलग-अलग वक्‍त में लॉन्‍च किया था और फ‍िर अंतरिक्ष में उन्‍हें जोड़ा गया।
 

भारत को स्‍पेस डॉकिंग से क्‍या फायदा

भारत को स्‍पेस डॉकिंग का सबसे पहला फायदा चंद्रयान-4 मिशन में होगा। चंद्रयान-4 मिशन के तहत भारत चांद से सैंपल इकट्ठा करके उन्‍हें पृथ्‍वी तक लाना चाहता है। वैज्ञानिकों की योजना चांद पर एक स्‍पेसक्राफ्ट को उतारकर उसे एक रॉकेट के साथ डॉक करने की है, जो धरती पर चंद्रमा के सैंपल लेकर आएगा। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Oppo Find X9, X9 Pro के लॉन्च से पहले प्राइस लीक, मिलेंगे 200MP कैमरा, 7500mAh बैटरी जैसे धांसू फीचर्स
  2. 34 हजार से ज्यादा सस्ता मिल रहा 16GB रैम, तीन कैमरा, 100W चार्जिंग वाला Vivo का धांसू फोन, जानें Amazon ऑफर
#ताज़ा ख़बरें
  1. 1000 रुपये से भी सस्ते में Amazon पर मिल रहे boAt, Zebronics, Portronics के ये साउंडबार
  2. Oppo Find X9, X9 Pro के लॉन्च से पहले प्राइस लीक, मिलेंगे 200MP कैमरा, 7500mAh बैटरी जैसे धांसू फीचर्स
  3. Samsung की ट्रिपल फोल्ड स्मार्टफोन लॉन्च करने की तैयारी, सीमित संख्या में हो सकती है मैन्युफैक्चरिंग
  4. अब WhatsApp से करें किसी भी ऐप में चैट! आ रहा कमाल का फीचर
  5. क्रेडिट कार्ड में CIBIL स्कोर क्या है? अच्छा CIBIL स्कोर क्यों जरूरी? फ्री में ऐसे करें चेक
  6. 34 हजार से ज्यादा सस्ता मिल रहा 16GB रैम, तीन कैमरा, 100W चार्जिंग वाला Vivo का धांसू फोन, जानें Amazon ऑफर
  7. Realme GT 8 Pro: आ रहा दुनिया का पहला 'डिजाइन बदलने वाला' कैमरा फोन, जानें सबकुछ
  8. Lava Agni 4 में मिल सकती है 5,000mAh की बैटरी, जल्द होगा लॉन्च
  9. Huawei ने छोटे से ईयरबड्स में फिट किया हाई क्वालिटी साउंड, लॉन्च किए FreeBuds Pro 5
  10. Numeros Motors ने लॉन्च किया इलेक्ट्रिक स्कूटर n-First, जानें प्राइस, रेंज
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.