रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) की जंग को अगले महीने यानी फरवरी में एक साल पूरा हो जाएगा। यह युद्ध यूक्रेन के लिए बड़ी त्रासदी लेकर आया है। हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी है, तो लाखों लोग बेघर हुए हैं। बावजूद इसके यूक्रेन की सेना और आम नागरिक, रूसी सैनिकों का डटकर मुकाबला कर रहे हैं। हाल में यूक्रेन के मिलिट्री डॉक्टरों ने अपनी जान जोखिम में डालते हुए एक दुर्लभ और खतरनाक ऑपरेशन को पूरा किया। बताया जा रहा है कि डॉक्टरों ने एक सैनिक के सीने से जिंदा ग्रेनेड (unexploded grenade) को बाहर निकाला।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 9 जनवरी को यूक्रेन की उप रक्षा मंत्री, हैना मालियार ने
फेसबुक पर एक एक्स-रे इमेज पोस्ट की। इस इमेज में यूक्रेन के एक सैनिक के सीने के अंदर जिंदा ग्रेनेड दिखाया गया था। लाइव साइंस की
रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों ने उस ग्रेनेड को हटाने के लिए एक ऑपरेशन किया। अगर वह सैनिक की शरीर में ही फट जाता तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि क्या हो सकता था।
यूक्रेन उप रक्षा मंत्री ने बताया कि सशस्त्र बलों के सबसे अनुभवी सर्जनों में से एक एंड्री वर्बा (Andrii Verba) ने सर्जरी को सफल बनाया। चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए काफी सेफ्टी के साथ सर्जरी की गई। सर्जरी में दो लड़ाकू इंजीनियरों ने भी मदद की।
मरीज के सीने से जो ग्रेनेड हटाया गया वह लगभग 1.6 इंच लंबा था। इस तरह के ग्रेनेड लक्ष्य से 400 मीटर दूर से ग्रेनेड लॉन्चर के जरिए दागे जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने इलेक्ट्रोकोएग्यूलेशन (electrocoagulation) का इस्तेमाल नहीं किया। यह रक्तस्राव को कंट्रोल करने का एक नॉर्मल तरीका है, जिसमें इलेक्ट्रिक कंरट का इस्तेमाल होता है। डॉक्टरों को डर था कि इलेक्ट्रिक करंट यूज करने पर ग्रेनेड फट सकता है।
जिस मरीज के सीने से ग्रेनेड निकाला गया, उसकी उम्र करीब 28 साल है और वह अब ठीक हो रहा है। कहा जा रहा है कि यूक्रेनी डॉक्टरों ने इस तरह की सर्जरी को आज से पहले कभी एक्सपीरियंस नहीं किया। हालांकि दुनिया में इस तरह की सर्जरी पहले भी हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान करीब 36 मरीजों के शरीर से विस्फोटक निकाले गए थे। सर्जरी के दौरान 4 मरीजों की मौत हो गई थी। 32 ऑपरेशन सफल हुए थे।
साल 2006 में अफगानिस्तान में अमेरिकी डॉक्टरों ने एक मरीज के पेट से ग्रेनेड निकाला था। 2014 में अफगानिस्तान में ही एक गर्भवती महिला के सिर से विस्फोटक निकाला गया था। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि यूक्रेनी मरीज के सीने में ग्रेनेड आया कहां से।