1000 लोगों को शुक्र ग्रह पर भेजना चाहते हैं टाइटन पनडुब्‍बी बनाने वाली कंपनी के को-फाउंडर, जाना चाहेंगे आप?

सोहनलेन एक रिसर्च पेपर के हवाले से दावा करते हैं कि शुक्र ग्रह के वायमुंडल में ग्रह की सतह से 30 मील ऊपर एक ऐसा क्षेत्र हैं, जहां इंसान ठहर सकता है।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 3 अगस्त 2023 14:21 IST
ख़ास बातें
  • साल 2050 तक इंसान को शुक्र ग्रह पर भेजने का लक्ष्‍य
  • ओशनगेट (OceanGate) के को-फाउंडर रहे हैं गुइलेर्मो सोहनेलिन
  • सोहनेलिन ने कहा, 2050 तक ऐसा करना है मुमकिन

सोहनलेन एक ऐसे स्‍पेस स्‍टेशन की वकालत करते हैं, जो सल्फ्यूरिक एसिड का सामना कर सके।

टाइटन पनडुब्‍बी (Titan submersible) याद है? इस साल 18 जून को समुद्र के अंदर हुए एक विस्‍फोट में टाइटन पनडुब्‍बी खत्‍म हो गई थी। उसमें 5 लोग सवार थे। सभी टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने के लिए समुद्र में उतरे थे। टाइटन पनडुब्‍बी की कंपनी ओशनगेट (OceanGate) के को-फाउंडर गुइलेर्मो सोहनेलिन (Guillermo Söhnlein) की नजरें अब नए लक्ष्‍य पर हैं। उनकी योजना है कि साल 2050 तक 1 हजार इंसानों को शुक्र ग्रह के वातावरण में रहने भेजा जाए। 

बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, सोहनेलिन का कहना है कि यह योजना महत्‍वाकांक्षी है, लेकिन उन्‍हें लगता है कि साल 2050 तक ऐसा करना संभव है। सोहनेलिन ने अपने लक्ष्‍य की तुलना एलन मस्‍क के एक ट्वीट से की। साल 2020 की जनवरी में मस्‍क ने कहा था कि उनका लक्ष्‍य 2050 तक 10 लाख लोगों को मंगल ग्रह की सतह पर पहुंचाना है। 

उन्होंने कहा, ओशनगेट को भूल जाओ। टाइटन को भूल जाओ। स्टॉकटन को भूल जाओ। इंसानों को शुक्र ग्रह पर भेजना सोहनेलिन की ओशनगेट का मकसद नहीं। ह्यूमन्स2वीनस (Humans2Venus) प्रोजेक्‍ट के जरिए वह लंबे वक्‍त से इस पर काम कर रहे हैं। 

साल 2020 में उन्‍होंने ह्यूमन्स2वीनस को शुरू किया था। वह इसके फाउंडर और चेयरमैन हैं। सोहनेलिन का मकसद शुक्र ग्रह के वातावरण में इंसान को पहुंचाना था। यह कैस होगा? इसका जवाब अभी नहीं है। याद रहे कि शुक्र ग्रह का वातावरण बहुत अधिक गर्म और कठोर है। बिना सुरक्षा उपायों के वहां इंसान का रह पाना असंभव है। 

हालांकि सोहनलेन एक रिसर्च पेपर के हवाले से दावा करते हैं कि शुक्र ग्रह के वायमुंडल में ग्रह की सतह से 30 मील ऊपर एक ऐसा क्षेत्र हैं, जहां इंसान ठहर सकता है। वहां तापमान और प्रेशर काफी कम है। सोहनलेन एक ऐसे स्‍पेस स्‍टेशन की वकालत करते हैं, जो सल्फ्यूरिक एसिड का सामना कर सके। उनका कहना है कि ऐसा हो पाया तो इंसान शुक्र ग्रह के वातावरण में सैकड़ों से लेकर हजारों लोग रह सकते हैं। गौरतलब है कि शुक्र ग्रह का वातावरण मुख्‍य रूप से कार्बन डाई ऑक्‍साइड से बना है और वहां सल्फ्यूरिक एसिड की बारिश होती है। 
Advertisement

 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. एलन मस्क की कंपनी में जॉब! xAI में इंजीनियर्स की भर्ती, जानें कैसे करें अप्लाई
#ताज़ा ख़बरें
  1. Tesla के अमेरिकी EV में नहीं होगा चाइनीज पार्ट्स का इस्तेमाल
  2. Vivo X300 सीरीज अगले महीने होगी भारत में लॉन्च, 200 मेगापिक्सल का कैमरा
  3. Poco Pad M1 में होगी 8 जीबी रैम, 12000mAh बैटरी, लॉन्च से पहले स्पेसिफिकेशंस लीक!
  4. एलन मस्क की कंपनी में जॉब! xAI में इंजीनियर्स की भर्ती, जानें कैसे करें अप्लाई
  5. 12 महीने तक 200 Mbps फास्ट इंटरनेट, Free OTT के साथ Excitel दे रही सबसे गजब प्लान
  6. BSNL ने कर दी मौज! 251 रुपये में 100GB डेटा, अनलिमिटिड कॉल, Free बेनिफिट्स वाला धांसू प्लान
  7. Philips ला रही भारत में स्मार्टफोन, टैबलेट! Philips Pad Air के डिटेल्स लीक
  8. स्टोरेज हो गई फुल? बिना फोटो डिलीट करे ऐसे करें फ्री
  9. Mobile गर्म होने पर अपनाएं ये 5 स्टेप्स
  10. ये 10 विंडोज 11 शॉर्टकट करेंगे समय की बचत, चाहे कोई भी कर रहे हों काम
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.