तारों पर पड़ रही पॉल्यूशन की मार, 20 वर्षों में बंद हो सकते हैं दिखने

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि मनुष्यों की रात को आसमान में तारे देखने की क्षमता लाइट पॉल्यूशन के कारण अगले 20 वर्षों में समाप्त हो सकती है

विज्ञापन
Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 30 मई 2023 17:47 IST
ख़ास बातें
  • पिछले कुछ वर्षों में लाइट पॉल्यूशन की स्थिति बिगड़ी है
  • लाइटिंग में कुछ बदलाव कर स्थिति में काफी सुधार किया जा सकता है
  • आउटडोर लाइट्स को नीचे की ओर मोड़ना बेहतर होता है

LED और अन्य प्रकार की लाइटिंग से रात में आसमान बहुत अधिक चमक रहा है

आसमान में तारे देखना बहुत से लोगों को सुकून देता है। हालांकि, यह नजारा अगले 20 वर्षों में दिखना बंद हो सकता है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि मनुष्यों की रात को आसमान में तारे देखने की क्षमता लाइट पॉल्यूशन के कारण अगले 20 वर्षों में समाप्त हो सकती है। पिछले कुछ वर्षों में लाइट पॉल्यूशन की स्थिति बिगड़ी है। 

ब्रिटेन के एस्ट्रोनॉमर, Martin Rees ने The Guardian को दिए इंटरव्यू में बताया कि 2016 में एस्ट्रोनॉमर्स ने रिपोर्ट दी थी कि दुनिया में लगभग एक-तिहाई लोगों के पास मिल्की वे या आकाश गंगा को देखने की क्षमता नहीं रही। उन्होंने कहा कि LED और अन्य प्रकार की लाइटिंग से रात में आसमान बहुत अधिक चमक रहा है। मार्टिन के अनुसार, "रात का आसमान हमारे पर्यावरण का हिस्सा है और अगर अगली पीढ़ी इसे नहीं देख पाती तो यह एक बड़ी कमी होगी। यह ऐसा ही है जैसे अगर वे कभी किसी पक्षी का घोंसला न देख सकें। इसकी परवाह करने के लिए आपका एस्ट्रोनॉमर होना जरूरी नहीं है।" 

जर्मन सेंटर फॉर जियोसाइंसेज के Christopher Kyba ने बताया कि अगर किसी बच्चे ने ऐसे स्थान पर जन्म लिया है जहां अभी रात में 250 तारे दिखते हैं तो उसके 18 वर्ष का होने पर केवल 100 तारे ही ही दिखेंगे। उनका कहना था, "कुछ दशकों पहले तक लोगों को रात में आसमान स्पष्ट दिखाई देता था। हालांकि, यह नजारा अब दुर्लभ हो गया है। दुनिया के सबसे रईस लोग या सबसे निर्धन में से कुछ ही इसे देख पाते हैं और बाकी लोगों के लिए यह लगभग समाप्त हो गया है।" कायबा ने बताया कि लाइटिंग में कुछ बदलाव कर स्थिति में काफी सुधार किया जा सकता है। इनमें आउटडोर लाइट्स को नीचे की ओर मोड़ना, लाइट्स की ब्राइटनेस को सीमित करना और लाइट्स के ब्लू और व्हाइट होने के साथ इनमें रेड और ऑरेंज कंपोनेंट्स रखना शामिल हैं। 

इस बारे में ब्रिटेन के इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थेलमोलॉजी में प्रोफेसर, Robert Fosbury ने कहा कि LED से नीले रंग के इमिशन में कोई भी रेड या इंफ्रा रेड लाइट नहीं होती और इससे रेड और इंफ्रा रेड लाइट की कमी हो रही है। इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने बताया, "जब लाल रंग की लाइट हमारे शरीर पर चमकती है तो इससे ब्लड में शुगर का हाई लेवल कम होता है और मेलाटोनिन का प्रोडक्शन बढ़ता है। डायबिटीज और मोटापे के मामले बढ़ने के कारणों में ये भी शामिल हो सकता है।" 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. एलन मस्क की कंपनी में जॉब! xAI में इंजीनियर्स की भर्ती, जानें कैसे करें अप्लाई
#ताज़ा ख़बरें
  1. Tesla के अमेरिकी EV में नहीं होगा चाइनीज पार्ट्स का इस्तेमाल
  2. Vivo X300 सीरीज अगले महीने होगी भारत में लॉन्च, 200 मेगापिक्सल का कैमरा
  3. Poco Pad M1 में होगी 8 जीबी रैम, 12000mAh बैटरी, लॉन्च से पहले स्पेसिफिकेशंस लीक!
  4. एलन मस्क की कंपनी में जॉब! xAI में इंजीनियर्स की भर्ती, जानें कैसे करें अप्लाई
  5. 12 महीने तक 200 Mbps फास्ट इंटरनेट, Free OTT के साथ Excitel दे रही सबसे गजब प्लान
  6. BSNL ने कर दी मौज! 251 रुपये में 100GB डेटा, अनलिमिटिड कॉल, Free बेनिफिट्स वाला धांसू प्लान
  7. Philips ला रही भारत में स्मार्टफोन, टैबलेट! Philips Pad Air के डिटेल्स लीक
  8. स्टोरेज हो गई फुल? बिना फोटो डिलीट करे ऐसे करें फ्री
  9. Mobile गर्म होने पर अपनाएं ये 5 स्टेप्स
  10. ये 10 विंडोज 11 शॉर्टकट करेंगे समय की बचत, चाहे कोई भी कर रहे हों काम
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.