Solar Storm: नहीं थम रहा सोलर फ्लेयर विस्फोट का सिलसिला, सौर तुफान की बढ़ी चिंता

डेटा से पता चलता है कि इस विशेष घटना ने पृथ्वी की ओर एक कमजोर सीएमई को प्रेरित किया होगा, जिससे स्थिति में जटिलता की एक परत जुड़ गई होगी।

Solar Storm: नहीं थम रहा सोलर फ्लेयर विस्फोट का सिलसिला, सौर तुफान की बढ़ी चिंता
ख़ास बातें
  • अनुमान लगाया गया है कि 9 दिसंबर को सौर तूफान के पृथ्वी से टकरा सकता है
  • आज सुबह M2.35 सोलर फ्लेयर विस्फोट होने की जानकारी दी गई थी
  • इसकी वजह से कई क्षेत्रों में शॉर्ट-वेव रेडियो ब्लैकआउट हुआ
विज्ञापन
सूर्य में पिछले कुछ समय से काफी उथल-पुथल हो रही है। खासतौर पर पिछले तीन दिनों में सोलर फ्लेयर के फूटने की घटनाओं की एक निरंतर सीरीज जारी रही है, वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। इससे कई क्षेत्रों में रेडियो ब्लैकआउट तक हो गया था। बीते सोमवार को एक छोटे सौर तूफान (Solar storm) और मंगलवार को तीन अलग-अलग सोलर फ्लेयर विस्फोटों के बाद, पिछले 24 घंटों में भी सोलर फ्लेयर फूटने की एक्टिविटी थमी नहीं है। बुधवार, 6 दिसंबर को एक और सोलर फ्लेयर इरप्शन हुआ, जो इस हफ्ते के शुरुआत में देखे गए किसी भी सोलर फ्लेयर से अधिक था। रिपोर्ट्स की मानें तो नासा का डेटा एक संभावित 'सिग्मॉइड विस्फोट' का सुझाव देता है, जो संभावित रूप से पृथ्वी की ओर कोरोनल मास इजेक्शन (CME) को प्रेरित कर रहा है।

अनुमान लगाया जा रहा है कि 9 दिसंबर को सौर तूफान के पृथ्वी से टकराने की संभावना है। हालांकि सटीक परिणाम अनिश्चित बना हुआ है। Space Weather Live ने आज सुबह M2.35 सोलर फ्लेयर विस्फोट होने की जानकारी दी थी और बताया कि इसकी वजह से शॉर्ट-वेव रेडियो ब्लैकआउट हुआ। हालांकि ब्लैकआउट से प्रभावित ज्यादातर क्षेत्र प्रशांत महासागर के ऊपर था, जिससे टेलीकम्युनिकेशन पर ज्यादा असर नहीं पड़ा।
 

नासा के सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने एक सिग्मॉइड विस्फोट दर्ज किया, जो इसके S-आकार के चुंबकीय फिलामेंट की विशेषता है, जो विस्फोट होने पर 100,000 किलोमीटर तक फैला हुआ मलबा छोड़ता है। डेटा से पता चलता है कि इस विशेष घटना ने पृथ्वी की ओर एक कमजोर सीएमई को प्रेरित किया होगा, जिससे स्थिति में जटिलता की एक परत जुड़ गई होगी। 9 दिसंबर को पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र पर कमजोर लेकिन प्रत्यक्ष प्रभाव की संभावना बनी हुई है, जो अंतरिक्ष मौसम के विकास की निरंतर सतर्कता और निगरानी की आवश्यकता पर बल देती है।

बता दें कि सोलर फ्लेयर इरप्शन एक हाइलीट-चार्जड गैस बल्ब की तरह है जो सूर्य के सतह पर होता है। ये सोलर एक्टिविटी चार्जड पार्टिकल्स, इलेक्ट्रॉन्स और प्रोटॉन्स को विभिन्न एनर्जी लेवल पर प्रसारित करती हैं। सोलर एक्टिविटी का प्रभाव धाराओं, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और रेडियो कम्युनिकेशन पर होता है। यदि सोलर फ्लेयर अधिक ऊर्जा रखती है, तो यह सौर तूफान में बदल सकता है, जिससे ग्रह की भूमि के आसपास के वायुमंडल में सौर रेडिएशन का प्रभाव हो सकता है।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

नितेश पपनोई Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech products like smartphones, headphones, and smartwatches. At Gadgets 360, he is covering all ...और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Mahindra की XEV 9e और BE 6 इलेक्ट्रिक SUVs की अगले सप्ताह शुरू होगी बुकिंग
  2. देश में 10 डिजिट के हो सकते हैं लैंडलाइन नंबर्स, TRAI ने दिया संकेत
  3. Motorola के 12GB रैम, 512GB स्टोरेज वाले इस प्रीमियम स्मार्टफोन को खरीदें Rs 15 हजार सस्ता! यहां जानें पूरी डील
  4. Samsung Galaxy F16 5G स्मार्टफोन Rs 15 हजार से कम कीमत में फरवरी में होगा लॉन्च! स्पेसिफिकेशन्स भी हुए लीक
  5. ChatGPT Search अब सभी के लिए हुआ उपलब्ध, जानें कैसे करता है काम?
  6. Realme C75x फोन 5600mAh बैटरी, 8GB रैम के साथ जल्द होगा लॉन्च! लीक हुआ रिटेल पोस्टर
  7. Samsung Galaxy F16 5G, Galaxy F06 5G जल्द होंगे लॉन्च, Flipkart पर जारी हुआ टीजर
  8. Google Pixel 9a को खरीदने वालों को मिलेगा फ्री YouTube, Fitbit और Google One प्रीमियम सब्सक्रिप्शन! लीक हुए लॉन्च ऑफर्स
  9. Apple की अगले वर्ष फोल्डेबल iPhone लॉन्च करने की तैयारी, Samsung को मिलेगी टक्कर
  10. बिना किसी लिंक पर क्लिक किए हैक हो सकता है आपको फोन! WhatsApp ने दी चेतावनी, जानें क्या है 'Zero-Click' हैक?
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »