पृथ्‍वी से 17000 प्रकाश वर्ष दूर वैज्ञानिकों ने खोजा बृहस्पति के जैसा ग्रह

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अबतक पहचाना गया सबसे दूर का ग्रह है।

पृथ्‍वी से 17000 प्रकाश वर्ष दूर वैज्ञानिकों ने खोजा बृहस्पति के जैसा ग्रह

यह उतनी ही दूरी से अपने सूर्य की परिक्रमा करता है, जितनी दूरी से हमारा बृहस्पति अपने सूर्य का चक्‍कर लगाता है।

ख़ास बातें
  • जो ग्रह अन्य तारों की परिक्रमा करते हैं, एक्सोप्लैनेट कहलाते हैं
  • इस ग्रह का द्रव्यमान हमारे बृहस्पति के लगभग बराबर है
  • यह अब तक खोजा गया सबसे दूर स्थित ग्रह है
विज्ञापन
वैज्ञानिकों ने एक दिलचस्‍प खोज की है। उन्‍होंने पृथ्‍वी से 17,000 प्रकाश वर्ष दूर एक तारे का चक्कर लगाते हुए एक्सोप्लैनेट का पता लगाया है। ऐसे ग्रह जो सूर्य के अलावा अन्य तारों की परिक्रमा करते हैं, एक्सोप्लैनेट कहलाते हैं। इस ग्रह को केपलर स्पेस टेलीस्कोप की मदद से खोजा गया है। खास बात यह है कि केपलर स्पेस टेलीस्कोप अब रिटायर हो चुका है। उसने साल 2016 में इस खोज में भूमिका निभाई थी। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अबतक पहचाना गया सबसे दूर का ग्रह है। K2-2016-BLG-0005Lb नाम के इस एक्‍सोप्‍लैनेट को माइक्रोलेंसिंग तकनीक के इस्‍तेमाल से खोजा गया। इसका द्रव्यमान हमारे बृहस्पति के लगभग बराबर है। यह उतनी ही दूरी से अपने सूर्य की परिक्रमा करता है, जितनी दूरी से हमारा बृहस्पति अपने सूर्य का चक्‍कर लगाता है। 

जिस डेटा की मदद से इस ग्रह को खोजा गया, उसे केपलर टेलीस्कोप ने अपने रिटायरमेंट से दो साल पहले जुटाया था। यह अब तक खोजा गया सबसे दूर स्थित ग्रह है, जो पिछले रिकॉर्ड से भी दोगुना दूर है।  

रिसर्चर्स ने रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के मंथली नोटिस में अपने निष्कर्ष प्रकाशित किए हैं।

साइंस एंड टेक्‍नॉलजी फैसिलिटी काउंसिल (STFC) ग्रांट के प्रिंसिपल इन्‍वेस्टिगेटर डॉ ईमोन केरिन्स ने इस रिसर्च को फंड किया। उन्‍होंने कहा कि यह खोज इसलिए उल्लेखनीय है, क्योंकि केप्लर टेलीस्‍कोप का मकसद ग्रहों का पता लगाने के लिए माइक्रोलेंसिंग का इस्‍तेमाल करने का नहीं था।

पृथ्वी से बहुत दूर स्थित एक्सोप्लैनेट को ग्रैव‍िटेशनल माइक्रोलेंसिंग का इस्‍तेमाल करके ढूंढा जा सकता है। रिसर्चर्स ने अप्रैल से जुलाई 2016 तक के केप्लर के डेटा को अध्‍ययन किया। तब स्‍पेसक्राफ्ट माइक्रोलेंसिंग के जरिए लाखों तारों की निगरानी कर रहा था।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) इस दशक के आखिर में नैन्सी ग्रेस रोमन स्पेस टेलीस्कोप (Nancy Grace Roman Space Telescope) को तैनात करेगी। यह टेलीस्‍कोप माइक्रोलेंसिंग तकनीक का उपयोग करके हजारों ऐसे ग्रहों की खोज कर सकता है, जो पृथ्‍वी से बहुत दूर स्थित हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का यूक्लिड मिशन भी माइक्रोलेंसिंग के जरिए एक्सोप्लैनेट की खोज कर सकता है। यह अगले साल लॉन्च होने वाला है। उम्‍मीद है आने वाले वक्‍त में दुनिया को ऐसे और ग्रहों के बारे में भी पता चलेगा, जो हमसे बहुत दूर हैं, लेकिन हमारे सौर मंडल के ग्रहों से मिलते-जुलते हैं। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Uber ड्राइवर ने महिला को भेजा भद्दा मैसेज, सोशल मीडिया पर बवाल के बाद हुआ बैन
  2. NASA के एस्ट्रोनॉट ने स्पेस से कैप्चर की महाकुंभ की हैरतअंगेज पिक्चर्स
  3. चाइनीज AI स्टार्टअप का DeepSeek अमेरिकी ChatGPT को पछाड़ बना टॉप फ्री ऐप!
  4. लंबे समय बाद HTC ला रही है दो नए स्मार्टफोन! Google Play Console पर हुए लिस्ट
  5. गूगल क्रोम के यूजर्स को हाई रिस्क की चेतावनी, करना होगा अपडेट
  6. Nothing 4 मार्च को नया स्मार्टफोन करेगा लॉन्च!, जानें क्या हैं खासियतें
  7. Samsung की Galaxy Z Flip 7 के लॉन्च की तैयारी, 50 मेगापिक्सल हो सकता है प्राइमरी कैमरा
  8. एक ही मोबाइल पर चलेंगे एक से ज्यादा WhatsApp अकाउंट! जल्द आ रहा है मल्टी-अकाउंट फीचर
  9. Vivo V50 भारत में होगा फरवरी में पेश, V50 Pro में होगी देरी, जानें क्या हैं खासियतें
  10. कैमरा वाले Apple AirPods पर चल रहा काम, जानें क्या हैं खासियतें
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »