वैज्ञानिकों ने सूर्य को नापा, पहले से छोटा निकला! जानें पूरा मामला

नई फाइंडिंग्‍स को अभी रिव्‍यू किया जाना बाकी है। ये निष्‍कर्ष सूर्य के प्‍लाज्‍मा के अंदर पैदा होने वालीं ध्‍वनि तरंगों पर बेस्‍ड हैं।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 9 नवंबर 2023 17:52 IST
ख़ास बातें
  • दो वैज्ञानिकों ने किया दावा
  • सूर्य के रेडियस को पहले से कम बताया
  • इस निष्‍कर्ष को अभी रिव्‍यू किया जाना बाकी

टोक्यो यूनि‍वर्सिटी के साइंटिस्‍ट मसाओ तकाता और कैंब्रिज के डगलस गफ ने यह निष्‍कर्ष दिया है।

हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा तारा है सूर्य। तमाम ग्रह इसके चारों ओर चक्‍कर लगाते हैं। हालांकि सूर्य को लेकर मिली एक नई जानकारी ब्रह्मांड के बारे में वैज्ञानिकों की सोच को बदल सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, दो एस्‍ट्रोनॉमर्स को इस बात के सबूत मिले हैं कि हमारे सूर्य की त्रिज्या (radius) पिछले विश्लेषणों की तुलना में कुछ फीसदी पतली है। नई फाइंडिंग्‍स को अभी रिव्‍यू किया जाना बाकी है। ये निष्‍कर्ष सूर्य के प्‍लाज्‍मा के अंदर पैदा होने वालीं ध्‍वनि तरंगों पर बेस्‍ड हैं। इन्‍हें प्रेशर या पी-मोड के रूप में जाना जाता है। ये निष्‍कर्ष arXiv पेपर में पब्लिश हुए हैं। 

टोक्यो यूनि‍वर्सिटी के साइंटिस्‍ट मसाओ तकाता और कैंब्रिज के डगलस गफ ने बताया कि सूर्य के अंदर लाखों साउंड वेव्‍स पैदा होती हैं। इनमें पी-वेव्‍स, जी-मोड और एफ-मोड शामिल हैं। आमतौर पर एफ-मोड के जरिए सूर्य की भूकंपीय त्रिज्या (seismic radius) को मापा जाता है। हालांकि वैज्ञानिक इन पर बहुत भरोसा नहीं करते। उनके बजाए पी-मोड सूर्य की प्‍लाज्‍मा में ज्‍यादा लंबा सफर तय करते हैं। 

रिसर्च पेपर में कहा गया है कि ‘एफ मोड' फ्रीक्‍वेंसी ने विश्‍लेषण से सूर्य की रेडियस के नया माप मिला है, जोकि ऑप्टिकल माप से कुछ सौ फीसदी कम है। दोनों वैज्ञानिकों का यह भी तर्क है कि सूर्य के रेडियस को मापने के लिए पी-मोड का इस्‍तेमाल किया जाना चाहिए। 

सूर्य से जुड़ी अन्‍य खबरों की बात करें, तो हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े तारे ‘सूर्य' को स्‍टडी करने के निकले 
‘इसरो' (ISRO) के आदित्‍य एल-1 (Aditya L-1) स्‍पेसक्राफ्ट ने हाल ही में वहां एक ‘महा-विस्‍फोट' को महसूस किया है। आदित्‍य एल-1 ने सोलर फ्लेयर्स की पहली हाई एनर्जी एक्स-रे झलक देखी है। बीते दिनों एक पोस्‍ट में इसरो ने बताया कि ‘आदित्य एल1' स्‍पेसक्राफ्ट में लगे ‘हाई एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर' (HEL1OS) ने सोलर फ्लेयर को रिकॉर्ड किया है। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. 50MP कैमरा, 6000mAh बैटरी वाले OnePlus फोन पर बंपर डिस्काउंट, जानें पूरी डील
#ताज़ा ख़बरें
  1. Ulefone RugKing: 9600mAh की बैटरी, चट्टान सी मजबूती! लीक हुए इस रगेड फोन के स्पेसिफिकेशन्स
  2. Police ने AI का इस्तेमाल कर 36 घंटों के अंदर पकड़ा हिट एंड रन केस का आरोपी
  3. FASTag के 365 दिन वाले एनुअल पास की धूम, पहले दिन बिके 1.4 लाख पास
  4. Infinix HOT 60i 5G vs iQOO Z10 Lite 5G vs Moto G45 5G: 10 हजार में कौन सा फोन है बेस्ट
  5. 50MP कैमरा, 6000mAh बैटरी वाले OnePlus फोन पर बंपर डिस्काउंट, जानें पूरी डील
  6. Google Pay, PhonePe, Paytm यूजर्स के लिए बड़ी खबर, 1 अक्टूबर से नहीं काम करेगा UPI का ये फीचर
  7. ये हैं टॉप 50 इंच स्मार्ट टीवी, LG से लेकर Acer और Xiaomi टीवी पर डिस्काउंट
  8. अब 15 मिनट पहले भी मिल जाएगी Vande Bharat की टिकट! जानें बुकिंग करने का पूरा प्रोसेस
  9. Vivo ने लॉन्च किया G3 5G, MediaTek Dimensity 6300 चिपसेट, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  10. Infinix Hot 60i 5G भारत में हुआ लॉन्च, 6,000 mAh की बैटरी
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.