इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में बुधवार को नासा (Nasa) के अंतरिक्ष यात्रियों की स्पेसवॉक होने वाली थी, जिसे आखिरी समय में टालना पड़ा। बताया जा रहा है कि रूसी अंतरिक्ष मिशन का कोई मलबा खतरनाक रूप से ऑर्बिटल आउटपोस्ट के करीब आ गया था, जिसके चलते स्पेसवॉक को टालना पड़ा। अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक रुबियो और जोश कसाडा स्पेसवॉक के लिए बाहर निकलने वाले थे कि तभी मिशन कंट्रोल टीम ने उन्हें काम रोकने का आदेश दिया। यह दूसरी बार है, जब नासा को उसकी स्पेसवॉक को टालना पड़ा है।
पहले यह स्पेसवॉक 19 दिसंबर यानी इस हफ्ते सोमवार को होनी थी, लेकिन तभी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में एक घटना हो गई। ISS के साथ अटैच्ड रूसी स्पेसक्राफ्ट सोयुज में
कूलेंट लीक का
पता चला और स्पेसवॉक को टाल दिया गया। आखिरकार बुधवार 21 दिसंबर का दिन
स्पेसवॉक के लिए तय किया गया था, लेकिन ऐन मौके पर उसे भी टालना पड़ा है। अब आज इस
स्पेसवॉक को करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह स्पेसवॉक स्पेस स्टेशन में नए सोलर ऐरै (सौर सरणी) को इंस्टॉल करने के लिए की जानी है। दोनों अंतरिक्ष यात्री
एक नया ISS रोल-आउट सोलर एरे (iROSA) इंस्टॉल करेंगे। iROSA का काम स्टेशन के मौजूद सौर पैनल सिस्टम को मजबूती देना है। इस तरह के 6 सोलर ऐरै लगाए जाने हैं। यह चौथे नंबर के सोलर ऐरै हैं। पूरा सेटअप तैयार होने के बाद ISS पर ऑर्बिटिंग लैब की बिजली सप्लाई 20 से 30 फीसदी तक बढ़ जाएगी।
ध्यान रखने वाली बात है कि नासा की स्पेसवॉक में यह अड़ंगा दोनों बार रूसी वजहों से ही लगा है। जो मलबा ऑर्बिटल आउटपोस्ट के करीब आया, वह एक रूसी रॉकेट का टुकड़ा बताया जा रहा है। अनुमान था कि यह मलबा स्टेशन के 0.4 किलोमीटर तक नजदीकी आएगा। मलबे को कई दिनों से ट्रैक किया जा रहा था, लेकिन अचानक यह रेड अलर्ट तक करीब आ गया, जिसके बार प्रस्तावित स्पेसवॉक को टालना पड़ा।
स्पेसवॉक को कैंसल करने के बाद ग्राउंड कंट्रोल टीम स्पेस स्टेशन को चलाने की तैयारी कर रही है, ताकि इसे किसी खतरे से दूर किया जा सके। नई जानकारी के अनुसार, स्पेस स्टेशन को उस मलबे से अब कोई खतरा नहीं है। बहरहाल, स्पेसवॉक अब आज होने वाली है। भारतीय समय के मुताबिक इसे आज शाम 7 बजे से नासा की ऑफिशियल वेबसाइट या यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकेगा।