3 करोड़ रुपये में नीलाम होने वाले थे कॉकरोच और उनके पेट से निकली मिट्टी, Nasa ने रुकवाई सेल, जानें वजह

इसे 1969 में पृथ्वी पर Apollo 11 मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा लाया गया था।

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गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 24 जून 2022 17:22 IST
ख़ास बातें
  • Apollo 11 मिशन के तहत लाई गई मिट्टी को नीलाम किया जा रहा था
  • नासा ने इस नीलामी को रुकवा दिया
  • ऑक्‍शन हाउस को बताया गया है कि यह अभी भी सरकारी चीज है

जिस साइंटिस्‍ट ने कॉकरोचों का अध्‍ययन किया था, उसने कभी ये सैंपल नासा को नहीं लौटाए।

बीते महीने हमने आपको बताया था कि एक ऑक्शन हाउस चंद्रमा की धूल/मिट्टी को नीलाम कर रहा है। इसे 1969 में पृथ्वी पर Apollo 11 मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा लाया गया था। धूल/मिट्टी की खासियत यह थी कि इसे कॉकरोचों को भी खिलाया गया था और बाद में उनके पेट से निकाला गया। ताजा जानकारी यह है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने बोस्टन स्थित RR ऑक्शन से इस नीलामी को रोकने के लिए कहा है यानी वह अब चांद से लाई गई धूल को नीलाम नहीं कर सकेगा।  

एक न्‍यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, नासा के एक वकील ने नीलामीकर्ता को लिखे लेटर में कहा है कि अभी भी यह सरकार की है। वहीं, RR ऑक्‍शन की ओर से कहा गया है कि एक्‍सपेरिमेंट के लिए लाई गई वह धूल जिसकी मात्रा करीब 40 मिलीग्राम थी और तीन मरे हुए कॉकरोचों के कम से कम 400000 लाख डॉलर (लगभग 3 करोड़ रुपये) में बिकने की उम्मीद थी। लेकिन अब इसे रोक दिया गया है। 

गौरतलब है कि Apollo 11 मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों और उनके साथ आई चीजों जैसे इस धूल को 21 दिनों के लिए क्‍वारंटीन किया गया था। तब यह भी जांच की गई थी कि चांद की मिट्टी या धूल का असर इंसानों के अलावा धरती के अन्य कीड़ों पर किस तरह पड़ेगा। 

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से 15 जून को लिखे गए लेटर में कहा गया है कि सभी अपोलो सैंपल्‍स  नासा के हैं और किसी भी व्यक्ति, यूनिवर्सिटी या अन्य संस्था को इनका विश्लेषण, विनाश या बिक्री की अनुमति नहीं दी गई है। रिपोर्टों के अनुसार, नासा की ओर से कहा गया था कि बोली प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए। नासा ने RR ऑक्‍शन से कहा था कि वह इस मटीरियल के मौजूदा ओनर से बात करे ताकि इसे सरकार को लौटाया जा सके। 

ध्‍यान देने वाली बात यह है कि इस मिशन के तहत चंद्रमा से 21.3 किलोग्राम चट्टान को पृथ्वी पर लाया गया था। इसमें से कुछ को कीड़ों, मछलियों और अन्य छोटे जीवों को खिलाया गया था। वैज्ञानिक यह देखना चाहते थे कि चंद्रमा की मिट्टी का यहां के जीवों पर क्‍या असर होता है। कहीं यह उनके लिए जहर का काम तो नहीं करती। जिन कॉकरोचों को यह मिट्टी खिलाई गई, उन्‍हें मिनेसोटा यूनिवर्सिटी में लाया गया था और मैरियन ब्रूक्स ने उन कॉकरोचों का अध्ययन किया था।
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मैरियन ब्रूक्स की साल 2007 में मौत हो गई थी। उन्‍हें कॉकरोचों में कोई संक्रामक एजेंट्स नहीं मिले थे। याद रखने वाली बात यह है कि चंद्रमा की रॉक और कॉकरोच नासा को कभी नहीं लौटाए गए। इन्‍हें ब्रूक्स के घर पर डिस्‍प्‍ले किया गया था। ब्रूक्‍स की बेटी ने साल 2010 में उन्‍हें बेच दिया था। अब RR ऑक्‍शन की ओर से इनकी नीलामी की जा रही थी। 
 
 

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