NASA के टेलीस्कोप ने कैद किया तारे के सुपरनोवा होने का दुर्लभ नजारा

यह तारा हमारे सूर्य से लगभग 30 गुना बढ़े आकार का है। इस तारे की बाहरी परतें निकलती दिख रही हैं

NASA के टेलीस्कोप ने कैद किया तारे के सुपरनोवा होने का दुर्लभ नजारा

यह तारा हमारे सूर्य से लगभग 30 गुना बढ़े आकार का है

ख़ास बातें
  • इससे बड़ी मात्रा में धूल और अन्य मैटीरियल निकला है
  • बहुत बड़े आकार वाला यह तारा 15,000 लाइट ईयर्स दूर मौजूद है
  • किसी तारे में उसके साइकल के दौरान विस्फोट होने को सुपरनोवा कहा जाता है
विज्ञापन
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के James Webb Space Telescope ने  WR 124, एक दुर्लभ वोल्फ-मेयेट तारे में विस्फोट या सुपरनोवा होने की हैरान करने वाली इमेज ली है। यह तारा हमारे सूर्य से लगभग 30 गुना बढ़े आकार का है। इस तारे की बाहरी परतें निकलती दिख रही हैं। इससे बड़ी मात्रा में धूल और अन्य मैटीरियल निकला है जो चकाचौंध कर रहा है। किसी तारे में उसके साइकल के दौरान विस्फोट होने को सुपरनोवा कहा जाता है।  

LiveScience पर प्रकाशित रिपोर्ट में NASA के अधिकारियों के हवाले से बताया गया है, "बड़े तारों में से कुछ ही सुपरनोवा होने से पहले ऐसे फेज में पहुंचते हैं। यह एस्ट्रोनॉमर्स के लिए अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने में काफी महत्वपूर्ण है।" बहुत बड़े आकार वाला यह तारा 15,000 लाइट ईयर्स दूर मौजूद है। जेम्स वेब टेलीस्कोप ने पिछले वर्ष जून में पहली बार इसकी इमेज ली थी। तारे के सुपरनोवा होने के दौरान बादल इसे झेल सकता है और ब्रह्मांड में धूल को बढ़ाता है। नासा के अधिकारियों का कहना है कि ब्रह्मांड के कार्य करने में धूल का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह नए बनने वाले तारों को ढाल देती है। 

ब्रह्मांड में एस्ट्रोनॉमर्स के अनुमान से अधिक धूल है। इस प्रकार की इमेज से इस धूल के रहस्यमयी स्रोत के बारे में जानकारी मिल सकती है। जेम्स वेब टेलीस्कोप से पहले एस्ट्रोनॉमर्स के पास WR 124 जैसे एनवायरमेंट्स में धूल के बनने को लेकर पर्याप्त जानकारी नहीं थी। वास्तविक डेटा मिलने के बाद इस बारे में रिसर्च को बढ़ाया जा सकता है। 

हाल ही में नासा के Curiosity यान ने मंगल ग्रह पर सूर्य की किरणों की स्पष्ट इमेज ली थी। ये इमेज ट्विलाइट क्लाउड सर्वे की सीरीज के तहत ली गई थी। यह सर्वे जनवरी में शुरू हुआ था और मार्च के मध्य तक चलेगा। सूर्य की किरणों को क्रेपस्क्युलर रे भी कहा जाता है। सूर्य की रोशनी के बादलों के बीच की जगह से चमकने पर ये दिखती हैं। यह पहली बार है कि जब सूर्य की किरणें मंगल ग्रह पर स्पष्ट दिखी हैं। धरती पर ये किरणें धुंधली स्थितियों में सबसे अधिक दिखती हैं, जब वातावरण में धुएं, धूल और अन्य कणों को रोशनी बिखरा देती है। ये किरणें बादल के पार एक बिंदु पर मिलती लगती हैं लेकिन वास्तव में ये एक दूसरे के समानांतर चलती हैं। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Ray-Ban Meta Smart Glasses भारत में लॉन्च, चश्मे से कर पाएंगे मोबाइल और कैमरे के काम
  2. Motorola ने भारत में लॉन्च किया Razr 60 Ultra, 4 इंच कवर डिस्प्ले, जानें स्पेसिफिकेशंस
  3. 48MP कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ Sony Xperia 1 VII लॉन्च, जानें फीचर्स और कीमत
  4. CBSE Result 2025: अब DigiLocker पर मिलेगी मार्कशीट, जानें तरीका
  5. Samsung Galaxy S25 Edge vs Google Pixel 9 Pro: फीचर्स में हुआ मुकाबला, जानें कौन है बेस्ट
  6. क्रिप्टो मार्केट में प्रॉफिट बुकिंग, बिटकॉइन का प्राइस घटकर 1,03,400 डॉलर
  7. iQOO Neo 10 Pro+ हो रहा 20 मई को लॉन्च, स्पेसिफिकेशंस का हो गया पहले ही खुलासा
  8. Oppo 15 मई को लॉन्च करेगी 20000mAh पावर बैंक: इनबिल्ट केबल, टॉर्च, फास्ट चार्जिंग और बहुत कुछ!
  9. UPI Down: यूपीआई नहीं कर रहा Paytm, PhonePe, GPay पर काम, ऐसे हो सकता है ठीक
  10. Panasonic ने 10,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »