Nasa के हबल टेलीस्‍कोप ने धूल के पीछे छुपे विशाल ब्‍लैक होल को ढूंढ निकाला, देखें तस्‍वीर

डार्क धूल आकाशगंगा के बीच से होकर गुजरती है और इसके चमकदार केंद्र को धुंधला बना देती है।

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गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 8 अप्रैल 2022 16:21 IST
ख़ास बातें
  • यह भी पता चला है कि NGC 7172 एक सेफर्ट (Seyfert) गैलेक्‍सी है
  • सेफर्ट गैलेक्‍सी सर्पिल आकार वाली आकाशगंगा को कहते हैं
  • इनमें एक छोटा, चमकीला, बिंदु जैसा न्‍यूक्लियस होता है

नासा ने कहा है कि गहली धूल की वजह से ही NGC 7172 एक सामान्य स्‍पाइरल आकाशगंगा से ज्यादा नजर नहीं आती।

Photo Credit: Instagram/ @nasahubble

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के हबल स्‍पेस टे‍लीस्‍कोप (Hubble telescope) ने वैज्ञानिकों को कई तस्‍वीरें खींचकर हैरान किया है। इसने अद्भुत खोजों में मदद की है। अब इस टेलीस्‍कोप ने अंतरिक्ष में गहरी धूल के पीछे एक एक्टिव ब्लैक होल (black hole) की हैरान करने वाली इमेज को कैप्‍चर किया है। यह ब्लैक होल, स्‍पाइरल (सर्पिल) गैलेक्‍सी- NGC 7172 में स्थित है। यह बहुत पुराने तारामंडल पिसिस ऑस्ट्रिनस (Piscis Austrinus) में स्थित है, जो पृथ्वी से लगभग 110 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है। डार्क धूल आकाशगंगा के बीच से होकर गुजरती है और इसके चमकदार केंद्र को धुंधला बना देती है। नासा ने कहा है कि गहली धूल की वजह से ही NGC 7172 एक सामान्य स्‍पाइरल आकाशगंगा से ज्यादा नजर नहीं आती। 

जब धूल और गैस आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद विशालकाय ब्लैक होल में गिरती है, तो यह तेज रोशनी पैदा करती है। नासा के वैज्ञानिकों को यह भी पता चला है कि NGC 7172 एक सेफर्ट (Seyfert) गैलेक्‍सी है। सेफर्ट गैलेक्‍सी सर्पिल आकार वाली आकाशगंगा को कहते हैं, जिसमें एक छोटा, चमकीला, बिंदु जैसा न्‍यूक्लियस होता है। वह उसकी चमक में बदलाव करता है। ऐसी गैलेक्‍सी बाकी गैलेक्‍सी के मुकाबले ज्‍यादा रेडिएशन पैदा कर सकती है। सेफर्ट गैलेक्‍सीज का नाम अमेरिकी खगोलशास्त्री कार्ल के. सेफर्ट के नाम पर रखा गया है। उन्‍होंने 1944 में पहली बार आकाशगंगाओं की इस क्‍लास की ओर दुनिया का ध्‍यान खींचा था। 

हबल स्‍पेस टेलीस्‍कोप ने दो इंस्‍ट्रूमेंट्स की मदद से इस तस्‍वीर को कैप्‍चर किया। इनमें एडवांस्‍ड कैमरा फॉर सर्वे और वाइड फील्‍ड कैमरा 3 शामिल हैं। दोनों के डेटा को मिलाकर यह तस्‍वीर सामने आई। 

हबल टेलीस्‍कोप, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का संयुक्‍त प्रोजेक्‍ट है। यह टेलीस्‍कोप 30 साल से ज्‍यादा वक्‍त से अंतरिक्ष के छुपे हुए रहस्‍यों को सामने ला रहा है। इस टेलीस्‍कोप ने अब तक 13 लाख से ज्‍यादा ऑब्‍जर्वेशन किए हैं। 

हालांकि यह टेलीस्‍कोप अब अपने बुढ़ापे की ओर है। नासा ने इसके उत्‍तराधिकारी के तौर पर पिछले साल के अंत में जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्‍कोप (James Webb Space Telescope) को लॉन्‍च किया है। 10 अरब डॉलर (करीब 75,785 करोड़ रुपये) का जेम्स वेब अंतरिक्ष में भेजा गया अब तक की सबसे पावरफुल ऑब्‍जर्वेट्री है। फ‍िलहाल यह डिप्‍लॉयमेंट के फेज से गुजर रहा है और इस साल गर्मियों से अपना काम पूरी तरह शुरू कर सकता है। जेम्स वेब को भी नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने मिलकर तैयार किया है। इसका मकसद ब्रह्मांड की उत्पत्ति और इसके विकास पर नई रोशनी डालना है।
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