पृथ्वी पर अभी भी कुछ प्रजातियां ऐसी हैं जो वैज्ञानिकों की नजरों से छुपी हुई हैं। ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ सनशाइन कोस्ट के शोधकर्ताओं को एक नई जाति और पांच तरह की नई प्रजातियां मिली हैं। ये अनेक पैरों वाले कीड़े, या कनखजूरा (millipeds) की प्रजातियां हैं जो तंजानिया के जंगलों में पाई गई हैं। खोज साउथ ईस्ट अफ्रीका में की गई है। दरअसल उडजुंग्वा के पहाड़ों में यहां शोधकर्ता पेड़ों और बेलों के विकास के बारे में जानकारी जुटा रहे थे।
New York Post के अनुसार यूनिवर्सिटी ऑफ सनशाइन कोस्ट में प्रोफेसर एंडी मार्शेल का कहना है कि मिलीपैड्स के सिर ऐसे लगते हैं जैसे स्टार वार्स सीरीज के किरदार दिखाई देते हैं। इनके 200 के लगभग पैर बताए गए हैं और ये साइज में कई सेंटीमीटर लंबे हैं। अफ्रीका में पाए जाने वाले मिलीपैड्स 35 सेंटीमीटर तक, या 14 इंच तक भी लंबे हो सकते हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इनकी मदद से जंगलों की रिकवरी में बेल की भूमिका की दो अलग अलग थ्योरी का पता चलता है। या तो बेल जंगल में एक बैंडेज की तरह काम कर रही हैं जो इसमें हुए घाव को बचाती है, या फिर किसी परजीवी की तरह काम करती है जो जंगल का दम घोंट रही है। उन्होंने कहा कि शोध के दौरान उन्होंने सभी साइज के मिलीपैड्स रिकॉर्ड किए क्योंकि वे बताते हैं कि जंगल का स्वास्थ्य कैसा है। उन्होंने आगे कहा कि हम इनकी महत्ता को नहीं जान पाए जब तक कि मिरियापोडोलॉजिस्ट ने हमारे स्पेसिमेन का आकलन नहीं किया।
प्रोफेसर मार्शेल का कहना है कि यहां ध्यान देने वाली बात है कि जब पहले मिलीपैड्स को इस एरिया से इकट्ठा किया गया था तब ये प्रजातियां नहीं दिखाई दी थीं। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि अभी भी यहां कुछ नया मिल सकता है। उन्होंने कहा कि मिलीपैड्स की नई प्रजातियों का मिलना इस बात को दर्शाता है कि उष्णकटिबंधीय जंगलों के बारे में अभी भी बहुत कुछ जानना बाकी है।
नई खोज को
European Journal of Taxonomy में प्रकाशित किया गया है। इन पांच प्रजातियों के नाम- Attemsostreptus leptoptilos, Attemsostreptus julostriatus, Attemsostreptus magombera, Attemsostreptus leptoptilos, और Udzungwastreptus marianae बताए गए हैं। स्पेसिमेन फिलहाल University of Copenhagen में Danish Museum of Natural History में रखे गए हैं।