ISRO के ‘आदित्‍य’ ने देखा सूर्य में पहला ‘महा-विस्‍फोट’, क्‍या होते हैं सोलर फ्लेयर्स? जानें

ISRO Aditya L1 Updates : ‘आदित्य एल1’ स्‍पेसक्राफ्ट में लगे ‘हाई एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर’ (HEL1OS) ने सोलर फ्लेयर को रिकॉर्ड किया है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 8 नवंबर 2023 13:13 IST
ख़ास बातें
  • आदित्‍य एल-1 स्‍पेसक्राफ्ट ने रिकॉर्ड की पहली हाई एनर्जी एक्स-रे झलक
  • इसरो ने कहा, मिशन उम्‍मीदों के मुताबिक कर रहा है काम
  • सोलर फ्लेयर हमारे सौर मंडल में अबतक के सबसे पावरफुल विस्फोट हैं

एक्स-रे झलक को रिकॉर्ड करना इस बात का संकेत है कि मिशन उम्‍मीदों के मुताबिक काम कर रहा है। (सांकेतिक तस्‍वीर)

Photo Credit: Nasa

Aditya L1 Captured First solar flare : हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े तारे ‘सूर्य' को स्‍टडी करने के निकले 
‘इसरो' (ISRO) के आदित्‍य एल-1 (Aditya L-1) स्‍पेसक्राफ्ट ने वहां एक ‘महा-विस्‍फोट' को महसूस किया है। आदित्‍य एल-1 ने सोलर फ्लेयर्स की पहली हाई एनर्जी एक्स-रे झलक देखी है। मंगलवार को एक पोस्‍ट में इसरो ने बताया कि ‘आदित्य एल1' स्‍पेसक्राफ्ट में लगे ‘हाई एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर' (HEL1OS) ने सोलर फ्लेयर को रिकॉर्ड किया है। एजेंसी ने यह भी बताया कि 29 अक्टूबर से HEL1OS ने सूर्य का ऑब्‍जर्वेशन शुरू किया। 
 

इसरो के एक साइंटिस्‍ट ने पीटीआई को बताया कि सोलर फ्लेयर की पहली हाई एनर्जी एक्स-रे झलक को रिकॉर्ड करना इस बात का संकेत है कि मिशन उम्‍मीदों के मुताबिक काम कर रहा है। 
 

क्‍या होते हैं सोलर फ्लेयर 

जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्‍स से सोलर फ्लेयर्स बनते हैं। ये फ्लेयर्स हमारे सौर मंडल में अबतक के सबसे पावरफुल विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। इनमें मौजूद एनर्जेटिक पार्टिकल्‍स, प्रकाश की गति से अपना सफर तय करते हैं। 
 

क्‍या है आदित्‍य एल-1 मिशन 

आदित्य-एल-1 भारत की पहली स्‍पेस बेस्‍ड ऑब्‍जर्वेट्री है। यह पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर पहुंचकर सूर्य की स्‍टडी करेगी। आदित्‍य एल-1 जिस जगह तैनात रहेगा, उसे सूर्य-पृथ्वी के पहले लैग्रेंजियन पॉइंट (एल1) के नाम से जाना जाता है। यहां से सूर्य पर हमेशा नजर रखी जा सकती है। 

मिशन जब अपना काम शुरू कर देगा तो इसरो को रियलटाइम में सौर गतिविधियों का पता चल पाएगा। आदित्‍य स्‍पेसक्राफ्ट अपने साथ 7 साइंटिफ‍िक इंस्‍ट्रूमेंट्स लेकर गया है। सभी स्‍वेदशी हैं और भारत के विभ‍िन्‍न विभागों द्वारा तैयार किए गए हैं। इंस्‍ट्रूमेंट्स की मदद से सूर्य के अलग-अलग हिस्‍सों को स्‍टडी किया जाएगा। इन्‍हीं में से एक इंस्‍ट्रूमेंट HEL1OS ने सोलर फ्लेयर्स की पहली हाई एनर्जी एक्स-रे की झलक को रिकॉर्ड किया है। 
 
 

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