भारतीय वैज्ञानिकों को कामयाबी! चांद पर बर्फ के नए सबूत खोजे

Water Ice on the Moon : शोध में स्‍पेस ऐप्लिकेशन सेंटर (SAC)/ISRO के वैज्ञानिक शामिल थे। उनके साथ आईआईटी कानपुर, यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया, जेट प्रोपल्‍शन लेबोरेटरी और आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के रिसर्चर्स ने भी काम किया।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 3 मई 2024 15:16 IST
ख़ास बातें
  • चंद्रमा पर मिले वॉटर आइस के नए सबूत
  • ध्रुवीय इलाकों में हो सकती है ज्‍यादा बर्फ
  • आईआईटी कानपुर के रिसर्चर्स भी हुए शामिल
Water Ice on the Moon : कई स्‍टडीज में यह माना गया है कि चांद पर बर्फ मौजूद हो सकती है। अब एक नए अध्‍ययन में वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के ध्रुवीय गड्ढों (polar craters) में ज्‍यादा वॉटर आइस (पानी की बर्फ) मिलने की उम्मीद जताई है। स्‍टडी में यह भी पता चला है कि दक्षिणी ध्रुवीय इलाकों (southern polar region) की तुलना में उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र (northern polar region) में पानी की बर्फ (water ice) दोगुनी है। खास यह है कि स्‍टडी करने वालों में आईआईटी कानपुर के रिसर्चर्स भी शामिल थे। 

शोध में स्‍पेस ऐप्लिकेशन सेंटर (SAC)/ISRO के वैज्ञानिक शामिल थे। उनके साथ आईआईटी कानपुर, यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया, जेट प्रोपल्‍शन लेबोरेटरी और आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के रिसर्चर्स ने भी काम किया। एक ब्‍लॉगपोस्‍ट में इसरो ने कहा, स्‍टडी से यह संकेत मिले हैं कि उत्तरी और दक्षिणी दोनों ध्रुवों में सतह पर मौजूद बर्फ की तुलना में उसकी उपसतह यानी सबसर्फेस में 5 से 8 गुना ज्‍यादा बर्फ हो सकती है। 

तो क्‍या इसका मतलब यह माना जाए कि भविष्‍य में जब वैज्ञानिक चंद्रमा से बर्फ निकालने के लिए स्‍टडी करेंगे तो उन्‍हें ज्‍यादा ड्रिलिंग नहीं करनी होगी। यह स्‍डटी उस थ्‍योरी को भी सपोर्ट करती है कि चंद्रमा के ध्रुवों में सबसर्फेस पर मौजूद वॉटर आइस का मेन सोर्स इम्ब्रियन काल (Imbrian period) में ज्वालामुखीय एक्टिविटीज के दौरान गैसों का निकलना है। 

बहरहाल, अपने निष्‍कर्षों तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने 7 इंस्‍ट्रूमेंट्स के डेटा का इस्‍तेमाल किया। ये इंस्‍ट्रूमेंट्स 
नासा के लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर पर लगे हैं, जिनमें रडार, लेजर, ऑप्टिकल, न्यूट्रॉन स्पेक्ट्रोमीटर, अल्‍ट्रावॉयलट स्पेक्ट्रोमीटर और थर्मल रेडियोमीटर शामिल हैं। 
Advertisement

इसरो ने कहा है कि इस स्‍टडी से भविष्‍य में लैंडिंग साइट का चुनाव करना आसान हो जाएगा। मिशन्‍स को उस एरिया में लैंड कराने की कोशिश होगी, जहां वॉटर आइस के संकेत हैं। SAC, ISRO की एक अन्‍य स्‍टडी को भी इस स्‍टडी ने सपोर्ट किया है। उस स्‍टडी में पहले ही अनुमान लगाया जा चुका है कि चंद्रमा पर वॉटर आइस की मौजूदगी कुछ ध्रुवीय गड्ढों में हो सकती है। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. 6 हजार रुपये तक सस्ता हुआ Motorola G85 5G फोन, Flipkart ने निकाला धांसू ऑफर
#ताज़ा ख़बरें
  1. 55, 65, 75 इंच बड़े स्क्रीन वाले नए Redmi TV लॉन्च, जानें कीमत
  2. 6 हजार रुपये तक सस्ता हुआ Motorola G85 5G फोन, Flipkart ने निकाला धांसू ऑफर
  3. OnePlus 15R लॉन्च से पहले बुरी खबर! डाउनग्रेड हो सकता है कैमरा
  4. IND vs SA 3rd T20I Live: भारत-साउथ अफ्रीका के बीच तीसरा T20 मैच आज ऐसे देखें फ्री!
  5. iOS 26.2 Update: iPhone में आया iOS 26.2 अपडेट, लॉक स्क्रीन, म्यूजिक, गेमिंग में आए कमाल फीचर्स, ऐसे करें डाउनलोड
  6. प्राइस अलर्ट! महंगे होने जा रहे Samsung स्मार्टफोन, इतने हजार बढ़ेगी कीमत ...
  7. होटल हो या रोड ट्रिप, हर जगह होगा वाई-फाई! Asus ने पावर बैंक से चलने वाला WiFi राउटर RT BE58 Go किया लॉन्च, जानें कीमत
  8. 10 हजार तक सस्ता मिल रहा Motorola Edge 50 Pro, Amazon पर धांसू ऑफर
  9. OnePlus 15R में मिलेगा 32 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा, 4K में करेगा वीडियो रिकॉर्ड, जानें सबकुछ
  10. इस फोन में है कैमरा के साथ 'पंखा' भी! Honor Win का यूनीक डिजाइन लीक
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.