Gaganyaan mission : 21 अक्‍टूबर से हो रहा ‘मिशन गगनयान’ का आगाज.. इंसान को अंतरिक्ष में भेजने की योजना, जानें सबकुछ

Gaganyaan mission : इसरो का मकसद साल 2024 के खत्‍म होने से पहले कम से कम 3 भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को लो-अर्थ ऑर्बिट यानी पृथ्‍वी की निचली कक्षा में भेजना है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 16 अक्टूबर 2023 12:41 IST
ख़ास बातें
  • गगनयान मिशन की टेस्‍ट फ्लाइट 21 अक्‍टूबर से होंगी शुरू
  • तमाम फ्लाइट्स भेजकर मिशन को परखा जाएगा
  • अगले साल 3 अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की है योजना

गगनयान भारतीय समुद्री सीमा में एक तय लोकेशन पर लैंडिंग करेगा।

Gaganyaan Mission : भारत के पहले ह्यूमन स्पेस मिशन ‘गगनयान' (Gaganyaan) को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय स्‍पेस एजेंसी, इसरो (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा है कि 21 अक्टूबर को होने वाली पहली TV-D1 टेस्‍ट फ्लाइट के बाद स्‍पेस एजेंसी इस महत्वाकांक्षी प्रोग्राम की 3 और टेस्‍ट फ्लाइट को पूरा करेगी। याद रहे कि टेस्‍ट फ्लाइट में कोई भी अंतरिक्ष यात्री उड़ान नहीं भरेगा। यह सिर्फ टेस्टिंग फ्लाइट होगी। 

TV-D1 का पूरा नाम टेस्‍ट वीकल डेवलपमेंट फ्लाइट है। यह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्‍च की जाएगी। एस सोमनाथ ने कहा कि गगनयान मिशन की पहला टेस्‍ट वीकल फ्लाइट 21 अक्टूबर को पूरी होगी। उसके बाद तीन और टेस्‍ट मिशन D2, D3, D4 को पूरा किया जाएगा। 

भारतीय स्‍पेस एजेंसी का मकसद साल 2024 के खत्‍म होने से पहले कम से कम 3 भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को लो-अर्थ ऑर्बिट यानी पृथ्‍वी की निचली कक्षा में भेजना है। गगनयान भारतीय समुद्री सीमा में एक तय लोकेशन पर लैंडिंग करेगा। ISRO ने कहा है कि टेस्ट फ्लाइट की सफलता से बाकी के क्वालिफिकेशन टेस्ट्स और मानव रहित मिशंस के लिए रास्ता तय होगा। 

गगनयान प्रोजेक्ट में भले देरी हुई, लेकिन ISRO ने इस‍ मिशन को लेकर जल्दबाजी नहीं दिखाई है। मिशन को इस तरीके से डिजाइन किया गया है जिससे यह पहली कोशिश में ही सफलता हासिल कर सकेगा। इसके लिए टेस्टिंग और डिमॉन्स्ट्रेशन को बढ़ाया गया है। बीते दिनों एस सोमनाथ ने बताया था कि गगनयान को 2 साल पहले लॉन्च किया जाना था, लेकिन कोरोना के कारण देरी हुई है। उन्होंने कहा था, "हमारी सोच अब अलग है। हम जल्दबाजी नहीं करना चाहते। हमने फैसला कर लिया है। इस ह्यूमन स्पेस फ्लाइट का मुख्य उद्देश्य एक पूरी तरह निश्चित सुरक्षित मिशन है।" 

सबकुछ ठीक रहा तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। मीडिया रिपोर्टों में पहले ही बताया जा चुका है कि मिशन पर जाने वाले क्रू मेंबर्स के पास खाने के तमाम ऑप्‍शंस होंगे। छह अलग-अलग मेनू तैयार किए जा रहे हैं। नाश्‍ते के लिए उपमा, पोहा, इडली जैसे हल्के आइटम शामिल होने की उम्मीद है। दोपहर के भोजन के लिए मीट और वेज बिरयानी का ऑप्‍शन होगा, जबकि रात के खाने में चपातियों, सब्जियों और मीट के साथ ग्रेवी वाले आइटम्‍स शामिल हो सकते हैं। 
 
 

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