साल 2023 का पहला
सुपरमून (Supermoon) आज दिखाई देगा। गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) के मौके पर हर कोई चंद्रमा का यह नजारा देख पाएगा। सुपरमून तब होता है, जब चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी के सबसे करीब होती है। इस दिन चंद्रमा, पृथ्वी की कक्षा में अपने निकटतम बिंदु पेरिगी पर पहुंच जाता है। इस वजह से आज अन्य पूर्णिमा के मुकाबले चांद सामान्य से थोड़ा बड़ा दिखाई देगा। सुपरमून की घटना में चंद्रमा 14 से 30 फीसदी ज्यादा चमकदार दिखाई दे सकता है।
टाइम एंड डेट वेबसाइट के
अनुसार, भारत में दिल्ली में 2023 के पहले सुपरमून की शुरुआत हो गई है। इसे बक मून (Buck Moon) भी कहा जाता है। यह नाम इसलिए पड़ा, क्योंकि साल के इस समय पर नर हिरण (buck) के नए सींग उगते हैं। साल बीतने के साथ उनके सींग और विशाल और खूबसूरत होते जाते हैं।
आज सुपरमून के दौरान चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी 3 लाख 61 हजार 934 किलोमीटर होगी। खास यह है कि इस साल अभी 3 और सपुरमून की घटनाएं होंगी। इनमें से 2 सुपरमून अगस्त महीने में दिखाई देंगे। सबसे पहले 1 अगस्त को सुपरमून की घटना होगी, तब चंद्रमा और पृथ्वी की दूरी 357,530 किलोमीटर रह जाएगी। 30 और 31 अगस्त को फिर से सुपरमून नजर आएगा। तब चांद और पृथ्वी एक-दूसरे से 357,344 की दूरी पर होंगे।
28 और 29 सितंबर को 2023 का आखिरी सुपरमून नजर आएगा और तब 361,552 किलोमीटर दूर होगा चंद्रमा हमारे ग्रह से। वैसे यह दूरी आमतौर पर 384,472 किलोमीटर होती है। सुपरमून को आंखों से देखा जा सकता है, लेकिन अगर आपके पास अच्छी क्वॉलिटी की दूरबीन है, तो चंद्रमा को और बेहतर तरीके से देख पाएंगे।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के
अनुसार, ‘सुपरमून' शब्द को एस्ट्रोलॉजर रिचर्ड नोल ने 1979 में नए या पूर्ण चंद्रमा के रूप में गढ़ा था। इस घटना के दौरान पृथ्वी की कक्षा में अपने निकटतम बिंदु पेरिगी पर पहुंच जाता है और उसके 90% तक अंदर होता है। अगर आपके इलाके में मौसम साफ है। बादल नहीं हैं, तो आप बिना रुकावट के सुपरमून को देख पाएंगे।