फ‍िंगरप्रिंट हुआ पुराना, अब सांस लेकर अनलॉक होंगे स्‍मार्टफोन! नई स्‍टडी से चला पता

Breath Fingerprint : इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मरे हुए इंसान के पर्सनल गैजट को अनलॉक नहीं किया जा सकेगा।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 15 जनवरी 2024 13:30 IST
ख़ास बातें
  • ब्रीदिंग डेटा का विश्‍लेषण करते हुए मिली जानकारी
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी, चेन्नै के वैज्ञानिकों ने किया प्रयोग
  • अगर यह तकनीक आती है तो बिना सांस अनलॉक नहीं होंंगे स्‍मार्टफोन्‍स

बायोमैट्रिक अथॉन्टिकेशन के लिए कई तरह की तकनीक इस्‍तेमाल होती हैं, लेकिन सांस का इस्‍तेमाल बायोमैट्रिक के लिए होना बिलकुल नया होगा।

भारतीय वैज्ञानिकों ने एक बड़ा दावा किया है। कहा है कि सांस लेने के दौरान हवा में पैदा होने वाली टर्ब्युलन्स (हलचल) बायोमैट्रिक अथॉन्‍ट‍िकेशन मेथड के रूप में काम कर सकती है। यानी उस हलचल से स्‍मार्टफोन्‍स और अन्‍य डिवाइसेज को अनलॉक किया जा सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मरे हुए इंसान के पर्सनल गैजट को अनलॉक नहीं किया जा सकेगा। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी, चेन्नै के महेश पंचाग्नुला और उनकी टीम ने अपने प्रयोगों से यह जानकारी जुटाई है।  

टीम ने एयर प्रेशर सेंसर से रिकॉर्ड किए गए ब्रीदिंग डेटा के साथ प्रयोग किया। शुरुआत में वैज्ञानिकों का मकसद सिर्फ एक एआई मॉडल को डेवलप करना था, जो सांस की बीमारियों के मरीजों की पहचान कर सके। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रीदिंग डेटा ने वैज्ञानिकों की उम्‍मीद से ज्‍यादा जानकारी दी। 

रिसर्चर्स ने पाया कि एआई मॉडल एक बार किसी सब्‍जेक्‍ट की सांस के डेटा को एनालाइज कर लेता है, तो 97 फीसदी एक्‍युरेसी के साथ यह वेरिफाई कर सकता है कि उस व्‍यक्ति ने नई सांस ली है या नहीं।  

रिसर्चर्स ने यह भी परखा कि क्‍या एआई मॉडल दो लोगों की सांस में फर्क कर पाता है या नहीं। इस काम को उसने 50 फीसदी से ज्‍यादा एक्‍युरेसी के साथ करके दिखाया। वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसान की नाक, मुंह, गले से सांस अंदर जाते हुए जो टर्ब्युलन्स पैदा होता है, एआई मॉडल उसके खास पैटर्न की पहचान करता है।

हालांकि यह प्रयोग शुरुआती है, लेकिन उत्‍साहित करने वाला है। मौजूदा वक्‍त में बायोमैट्रिक अथॉन्टिकेशन के लिए कई तरह की तकनीक इस्‍तेमाल होती हैं, लेकिन सांस का इस्‍तेमाल बायोमैट्रिक के लिए होना बिलकुल नया होगा। कई फ‍िल्‍मों में हमने देखा है कि मरे हुए इंसान के स्‍मार्टफोन व अन्‍य गैजेट्स को अनलॉक कर दिया जाता है। सांस से गैजेट अनलॉक होने लगेंगे, तो मरने के बाद किसी की डिवाइस अनलॉक नहीं की जा सकेगी। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. क्रिप्टो मार्केट पर सख्ती कर सकती है सरकार, RBI के सपोर्ट वाली डिजिटल करेंसी होगी लॉन्च
#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत में Tesla की धीमी रफ्तार, सितंबर में Model Y की सिर्फ 60 यूनिट्स की डिलीवरी
  2. मारूति सुजुकी की e-Vitara को दिसंबर में लॉन्च करने की तैयारी
  3. UPI से पेमेंट्स हुई आसान, बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की मिलेगी सुविधा
  4. WhatsApp, Signal और Telegram के छूटेंगे पसीने? Arattai लेकर आ रहा है ये सिक्योरिटी फीचर
  5. Oppo Find X9 Ultra में मिल सकते हैं 2 टेलीफोटो कैमरा
  6. 6 महीनों में पेट्रोल जितनी सस्ती होंगी इलेक्ट्रिक कारें, भारत बनेगा ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में लीडर!
  7. क्रिप्टो मार्केट पर सख्ती कर सकती है सरकार, RBI के सपोर्ट वाली डिजिटल करेंसी होगी लॉन्च
  8. Lava Shark 2 में मिलेगी 50 मेगापिक्सल AI ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट
  9. WhatsApp कर रहा स्टेटस अपडेट के नए फीचर पर काम, टेस्टिंग शुरू, जानें क्या होगा बदलाव
  10. AI वीडियो जनरेशन की जंग में कूदे Elon Musk, अब Grok बनाएगा फिल्म, जानें कब होगी रिलीज?
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.