इस साल का पहला चंद्र ग्रहण खत्म हो गया है। भारत में यह दिखाई नहीं दिया, लेकिन कई देशों के लोग इस खगोलीय घटना के गवाह बने। लंदन, पेरिस, रोम, ब्रुसेल्स, जोहान्सबर्ग, मैड्रिड, सैंटियागो, वॉशिंगटन, न्यू यॉर्क, रियो डी जनेरियो और शिकागो में लोगों ने पूर्ण चंद्र ग्रहण को देखा। इस बीच, दिल को छू लेने वाली तस्वीरें आई हैं अंतरिक्ष से। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों ने 15 मई की रात पूर्ण चंद्र ग्रहण की हैरान करने वाली तस्वीरें खींचीं।
यूरोपीय अंतरिक्ष यात्री सामंथा क्रिस्टोफोरेटी ने ट्विटर पर कई स्नैपशॉट शेयर किए हैं। इनमें स्पेस स्टेशन के इक्विपमेंट से तैयार किए गए ‘सुपर फ्लावर ब्लड मून' चंद्र ग्रहण के विभिन्न चरणों को दिखाया गया है। तस्वीरों में नीचे बादलों से ढकी पृथ्वी दिख रही है। अपने ट्वीट में क्रिस्टोफोरेटी लिखती हैं, ‘क्या आप भाग्यशाली कल रात के चंद्र ग्रहण को देखने के लिए? हम थे!'
क्रिस्टोफोरेटी ने जो इमेजेस शेयर की हैं, उनमें से कुछ में अंतरिक्ष स्टेशन के सौर पैनलों के पास चंद्रमा एकदम अंधेरे में नजर आता है। बताया जाता है कि अगला पूर्ण चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को होगा। इसे अमेरिका, पूर्वी एशिया और ऑस्ट्रेलिया में देखा जा सकेगा।
space.com के
अनुसार, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन हर 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर लगा लेता है, इसलिए शायद अंतरिक्ष यात्रियों ने ग्रहण को कई तरह से देखा। ईस्टर्न डे लाइट समय के अनुसार, यह रविवार 15 मई की रात 9:32 बजे शुरू हुआ, जब चंद्रमा ने पृथ्वी की छाया के हल्के हिस्से में प्रवेश किया। इसे पेनम्ब्रा कहा जाता है। चंद्र ग्रहण की अवधि 5 घंटों से ज्यादा की थी। बताया गया है कि करीब 85 मिनट तक चंद्रमा पूर्ण अंधकार में रहा, जो 33 साल में सबसे लंबा वक्त है।
पूर्ण ग्रहण के दौरान चंद्रमा गायब नहीं होता, बल्कि लाल हो जाता है। ऐसा पृथ्वी के वायुमंडल से प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण होता है। इस वजह से हमें ‘ब्लड मून' दिखाई देता है। ‘ब्लड मून' का इस्तेमाल आमतौर पर पूर्ण चंद्र ग्रहण के संदर्भ में किया जाता है।
चंद्र ग्रहण तब होता है, जब सूरज, धरती और चांद एक सीध में आ जाते हैं। इस स्थिति में चांद को धरती की छाया से गुजरना होता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चांद धरती की छाया के सबसे अंधेरे हिस्से में चला जाता है जिसे अम्ब्रा कहा जाता है।