70 करोड़ साल पहले पृथ्वी बन गई थी 'बर्फ का गोला!'

क वक्त पर यहां बर्फ ही बर्फ मौजूद थी जिसने चट्टानों को भी दबाया हुआ था।

70 करोड़ साल पहले पृथ्वी बन गई थी 'बर्फ का गोला!'

Photo Credit: Shutterstock

लगभग 70 करोड़ साल पहले पृथ्वी पूरी तरह से बर्फ से ढक गई थी।

ख़ास बातें
  • पृथ्वी का इतिहास बहुत पुराना है
  • यूनिवर्सिटी ऑफ कॉलोराडो से भू-वैज्ञानिकों ने एक मजबूत साक्ष्य पेश किया है
  • लगभग 70 करोड़ साल पहले पृथ्वी पूरी तरह से बर्फ से ढक गई थी
विज्ञापन
क्या आप जानते हैं कि हमारी पृथ्वी पर एक ऐसा भी समय आया था जब यह बर्फ का गोला (snowball) बन गई थी। पृथ्वी का इतिहास बहुत पुराना है। मनुष्य का विकास भी धीरे-धीरे हुआ है। यहां पर सैकड़ों सभ्यताएं इससे पहले आकर जा चुकी हैं। लेकिन शुरुआती दौर में पृथ्वी पर क्या-क्या हुआ इसके बारे में सबूत जुटा पाना बहुत मुश्किल है। हालांकि स्टडी के आधार पर भू-वैज्ञानिक कई थ्योरी पेश कर चुके हैं जिनके प्रमाण भी धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं। ऐसी ही एक नई स्टडी सामने आई है जो स्नोबॉल अर्थ (Snowball Earth) की थ्योरी को सहारा देती है। 

यूनिवर्सिटी ऑफ कॉलोराडो से भू-वैज्ञानिकों ने एक मजबूत साक्ष्य पेश किया है जो कहता है कि धरती अवश्य ही एक समय पर बर्फ के गोले में तब्दील हो गई थी! थ्योरी में कहा गया है कि एक समय पर पृथ्वी को ग्लेशियरों ने पूरी तरह से ढक लिया था। यहां तक कि भूमध्य रेखा भी बर्फ से ढक गई थी। Proceedings of the National Academy of Sciences में इस स्टडी को पब्लिश किया गया है। इसके माध्यम से ग्लोबल फ्रीज का पहला भौतिक साक्ष्य मिलता है जो बताता है कि लगभग 70 करोड़ साल पहले पृथ्वी पूरी तरह से बर्फ से ढक गई थी। 

स्टडी के प्रमुख लेखक लियाम कॉर्टनी डेवीज और उनकी टीम ने इस बात पर जोर दिया कि कोलोराडो के पथरीले पहाड़ों की फ्रंट रेंज में कुछ ऐसी चट्टानें मौजूद हैं जिन्हें तावाकेव (Tavakaiv) या तावा (Tava) सैंडस्टोन कहा जाता है। शोधकर्ताओं ने यहां पर अत्याधुनिक डेटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जिसमें लेजर एबलेशन मास स्पेक्ट्रोमीट्री भी शामिल थी। वैज्ञानिकों ने पाया कि ये चट्टानें लगभग 70 करोड़ साल पहले अंडरग्राउंड थीं। और इसके पीछे वजह बताई गई है कि ये ग्लेशियरों के वजन के नीचे दबी हुई थीं। 

यहां पर ग्लेशियल सबूत मिलना इस बात की गवाही देता है कि एक वक्त पर यहां बर्फ ही बर्फ मौजूद थी जिसने चट्टानों को भी दबाया हुआ था। भूमध्य पर ग्लेशियर के सबूत मिलने का सीधा अर्थ भी यही निकलता है कि पूरा ग्रह ही उस वक्त बर्फ में दबा हुआ था। उस वक्त पृथ्वी एक बर्फ के गोले के रूप में अंतरिक्ष में तैर रही थी। यहां न सिर्फ स्नोबॉल थ्योरी को सहारा मिलता है बल्कि यह भी पता लगता है कि पृथ्वी एक गंभीर दौर से गुजर रही थी। हालांकि शोधकर्ता टीम का मानना है कि अभी इस बारे में और भी शोध होना बाकी है। लेकिन उनकी खोज अन्य को भी आगे शोध के लिए प्रेरित करेगी। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. BSNL ने कर दी मौज! 251 रुपये में 100GB डेटा, अनलिमिटिड कॉल, Free बेनिफिट्स वाला धांसू प्लान
  2. Philips ला रही भारत में स्मार्टफोन, टैबलेट! Philips Pad Air के डिटेल्स लीक
  3. स्टोरेज हो गई फुल? बिना फोटो डिलीट करे ऐसे करें फ्री
  4. Mobile गर्म होने पर अपनाएं ये 5 स्टेप्स
  5. ये 10 विंडोज 11 शॉर्टकट करेंगे समय की बचत, चाहे कोई भी कर रहे हों काम
  6. Honor 500 Pro में मिल सकता है 200 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा, 6.55 इंच डिस्प्ले
  7. पहियों पर चलने वाला रोबोट! Unitree ने लॉन्च किया G1-D रोबोट, ऐसे करता है काम
  8. Bitcoin में भारी गिरावट, 96,000 डॉलर से कम हुआ प्राइस
  9. 172km रेंज के साथ फ्लैगशिप इलेक्ट्रिक बाइक Matter Aera 5000+ हुई लॉन्च, जानें सबकुछ
  10. Oppo Find X9 सीरीज अगले सप्ताह भारत में होगी लॉन्च, लीक हुए प्राइस
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »