कुत्ते को इंसान का सबसे अच्छा दोस्त माना जाता है। सिर्फ दोस्त ही नहीं, सबसे ज्यादा समझदार दोस्त! अब नई स्टडी कहती है कि कुत्तों में ऐसी क्षमता होती है कि वह कहे गए शब्दों के आधार पर चीजों को नाम दे सकते हैं, नाम लेने पर उस चीज को समझ भी सकते हैं! जैसा कि हम इंसानों में भी देखने को मिलता है। इसीलिए अक्सर पालतू कुत्ते का मालिक जब कहता है कि 'बैठो' तो वह वे बैठ सकते हैं, कहता है 'पकड़ो' तो वे जाकर किसी चीज को पकड़ सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने कैनाइन ब्रेन को लेकर एक
स्टडी की है। इसमें 18 कुत्तों की गतिविधि का विश्लेषण किया गया। शोध में सामने आया कि कुत्ते अपने
दिमाग में किसी वस्तु की याद को स्थापित कर सकते हैं। जब भी वे इसका नाम सुनते हैं तो समझ लेते हैं कि किस वस्तु की बात की जा रही है। स्टडी को बुडापेस्ट की Eotvos Lorand University में कंडक्ट किया गया है। इसे
Current Biology जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
स्टडी की सह-लेखिका मरियाना बोरोस के मुताबिक, नॉन-ह्यूमन एनिमल को लेकर लंबे समय से यह वाद-विवाद होता रहा है कि वे शब्दों को संदर्भ के आधार पर समझ सकते हैं या नहीं। इस मामले में व्यवहार संबंधी रिपोर्ट्स भी आई हैं लेकिन मामले असाधारण थे। लेखिका का कहना है कि उनकी स्टडी पहली है जो यह दावा करती है कि शब्दों के अनुसार वस्तुओं को पहचानना एक प्रजाति व्यापी क्षमता है।
रोचक तौर पर स्टडी में कुत्तों के मालिकों ने उन चीजों के लिए शब्दों का इस्तेमाल किया जिनके बारे में उनके कुत्तों को पता था। साथ ही ऐसा भी किया गया कि कुछ केसों में कुत्तों के सामने वहीं वस्तुएं रखी गईं जिनका नाम लिया था, जबकि कुछ केसों में ऐसी भी वस्तुएं रखी गईं जिनका नाम कुछ और था और वस्तु कुछ और। नतीजा यह निकला कि जब शब्द से मिलती हुई वस्तु सामने थी तो उनके दिमाग में एक अलग पैटर्न देखा गया, और जब शब्द से मेल न खाती हुई वस्तु सामने थी तो दिमाग में अलग पैटर्न दिखाई दिया। ऐसा ही इंसानों में भी देखा जाता है।
शोध में नतीजा निकला कि कुत्ते वस्तुओं के लिए इस्तेमाल किए गए शब्दों को समझते हैं। इसलिए वे वस्तु की उस शब्द से संबंधित इमेज भी दिमाग में बनाने की कोशिश करते हैं। अब शोधकर्ता इस योजना पर काम कर रहे हैं कि क्या संदर्भित भाषा की समझ केवल कुत्तों तक ही सीमित है, या फिर अन्य स्तनधारियों में भी यह क्षमता मौजूद है।