• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • Comet : पृथ्‍वी की ओर आ रहा धूमकेतु, बिना दूरबीन दिखाई देगा, कब पहुंचेगा? जानें

Comet : पृथ्‍वी की ओर आ रहा धूमकेतु, बिना दूरबीन दिखाई देगा, कब पहुंचेगा? जानें

Comet : फ‍िलहाल यह मंगल और बृहस्‍पति के बीच ऑर्बिट में ट्रैवल कर रहा है।

Comet : पृथ्‍वी की ओर आ रहा धूमकेतु, बिना दूरबीन दिखाई देगा, कब पहुंचेगा? जानें

Photo Credit: Virtual telescope Project

A3 धूमकेतु आता है ऊर्ट क्लाउड से (Oort Cloud)। यह हमारे सौर मंडल का ऐसा इलाका है, जो लाखों धूमकेतुओं का घर है।

ख़ास बातें
  • एक धूमकेतु पृथ्‍वी की ओर आ रहा है
  • यह अक्‍टूबर में धरती के करीब आ सकता है
  • तब इसे नग्‍न आंंखों से देखे जाने की उम्‍मीद है
विज्ञापन
साल 2024 खगोलीय घटनाओं के लिहाज से महत्‍वपूर्ण है। 8 अप्रैल को दुनिया ने पहला पूर्ण सूर्यग्रहण (Solar eclipse) देखा। फ‍िर एक सौर तूफान (solar storms) ने सुर्खियां बटोरीं, जिसकी वजह से यूराेप के कई देशों में ऑरोरा (Aurora) देखे गए। अब बारी है धूमकेतु की। फोर्ब्‍स की रिपोर्ट के अनुसार, त्सुचिनशान-एटलस (सी/2023 ए3) (Tsuchinshan-ATLAS (C/2023 A3) नाम का धूमकेतु पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है। अक्‍टूबर में इसे बिना टेलिस्‍कोप के यानी नग्‍न आंखों से देखा जा सकेगा।

फ‍िलहाल यह मंगल और बृहस्‍पति के बीच ऑर्बिट में ट्रैवल कर रहा है। आमतौर पर इसे किसी बड़े टेलीस्‍कोप के जरिए देखा जा सकता है, लेकिन अक्‍टूबर में यह बिना टेलीस्‍कोप के नजर आएगा। एक दुर्लभ खगोलीय घटना होगी। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि रात के समय A3 धूमकेतु, शुक्र ग्रह की तरह चमकीला नजर आ सकता है।        

रिपोर्ट के अनुसार, A3 धूमकेतु आता है ऊर्ट क्लाउड से (Oort Cloud)। यह हमारे सौर मंडल का ऐसा इलाका है, जो लाखों धूमकेतुओं का घर है। A3 धूमकेतु को पिछले साल ही खोजा गया था। 

फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका के ATLAS टेलीस्‍कोप और चीन की त्सुचिनशान ऑब्‍जर्वेट्री के खगोलविदों ने मिलकर इसका पता लगाया। रिपोर्ट के अनुसार, यह अक्‍टूबर मध्‍य में दिखाई देगा। जानी-मानी वेबसाइट वर्चुअल टेलीस्‍कोप प्रोजेक्‍ट ने A3 धूमकेतु की एक इमेज शेयर की है, जो 5 मई को खींची गई थी। 

वेबसाइट ने लिखा है कि धूमकेतु का न्‍यूक्लियस दिखाई दे रहा है। इसकी पूंछ में बदलाव देखा जा रहा है। नासा के अनुसार, धूमकेतु एक तरह के अवशेष हैं, जिनका निर्माण सौर मंडल के बनने के दौरान धूल, चट्टान और बर्फ से हुआ। धूमकेतुओं की चौड़ाई कुछ किलोमीटर से सैकड़ों किलोमीटर तक होती है। 

सूर्य की परिक्रमा करने के दौरान धूमकेतु गर्म हो जाते हैं और चमकने लगते हैं। इनमें मौजूद मटीरियल से धूमकेतु की पूंछ बनती है, जो लाखों मील लंबी हो सकती है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत में TikTok पर बैन बरकरार, कंपनी ने अनुमति मिलने से किया इनकार
  2. Redmi 15 5G vs Tecno Pova 7 Pro vs Samsung Galaxy M36 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  3. Google Pixel 10 vs OnePlus 13 vs Samsung Galaxy S25 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  4. Gmail में किसी दूसरी भाषा में आया है ईमेल तो ऐसे करें तुरंत ट्रांसलेट, ऐप का ये फीचर ऐसे करता है काम
  5. Apple Watch नहीं होती तो क्या होता? हार्ट रेट अलर्ट के चलते ब्रेन ट्यूमर का पता चला, बच गई जान!
  6. Vivo V60 vs Oppo Reno 14 5G vs iQOO Neo 10: कंपेरिजन से जानें कौन है बेहतर?
  7. Realme P4 Pro 5G vs Vivo Y400 5G vs OnePlus Nord CE 5 5G: जानें 30 हजार में कौन है बेस्ट
  8. AI सुपरपावर रैंकिंग में अमेरिका टॉप पर, लेकिन भारत ने चीन को पछाड़ा
  9. भारत के लेटेस्ट वाटरप्रूफ स्मार्टफोन, नहीं होंगे पानी में भी खराब, जैसे मर्जी करें इस्तेमाल
  10. हाथ में iPad, बॉडी पर कैमरा, अब बिहार पुलिस बनेगी Digital Police! देखिए कैसे बदलेगा पूरा सिस्टम
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »