पृथ्‍वी पर चीनी खतरा! 31 जुलाई को अंतरिक्ष से गिर सकता है रॉकेट का मलबा

ऐसा तीसरी बार है, जब चीन ने अपने अंतरिक्ष मलबे को कंट्रोल नहीं करने का ऑप्‍शन चुना है।

पृथ्‍वी पर चीनी खतरा! 31 जुलाई को अंतरिक्ष से गिर सकता है रॉकेट का मलबा

हालांकि वक्‍त बीतने के साथ इस अनुमान को अपडेट किया जाएगा। फ‍िलहाल यह कहना जल्दबाजी होगी कि चीनी रॉकेट कहां नीचे आएगा।

ख़ास बातें
  • अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन बना रहा है चीन
  • इसी सिलसिले में उसने रविवार को एक लॉन्‍च किया था
  • उसमें शामिल रहे रॉकेट का हिस्‍सा हुआ है अनियंत्रित
विज्ञापन
कल हमने आपको बताया था कि अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन बनाने के लिए चीन ने जो रॉकेट स्‍पेस में भेजा था, उसका करीब 21 टन वजनी ‘स्‍टेज' अपने आप पृथ्‍वी पर गिर रहा है। अब विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि अंतरिक्ष कबाड़ के तौर पर आ रहा यह टुकड़ा इस महीने के आखिर तक पृथ्‍वी पर गिर जाएगा। यह स्‍टेज चीन के ‘लॉन्ग मार्च 5B' रॉकेट का हिस्‍सा है, जिसकी मदद से पिछले रविवार को चीन ने अपना पहला लैब मॉड्यूल वेंटियन (Lab Module Wentian) लॉन्च किया था। ऐसा तीसरी बार है, जब चीन ने अपने अंतरिक्ष मलबे को कंट्रोल नहीं करने का ऑप्‍शन चुना है। इससे पहले 2020 और 2021 में भी चीनी रॉकेट का मलबा अनियंत्रित रूप से पृथ्‍वी पर पहुंचा था। 

स्‍पेसडॉटकॉम ने द एयरोस्पेस कॉरपोरेशन सेंटर फॉर ऑर्बिटल रीएंट्री एंड डेब्रिस स्टडीज (कॉर्ड्स) के रिसर्चर्स के हवाले से लिखा है कि रॉकेट की बॉडी लगभग एक हफ्ते तक अंतरिक्ष में रहेगी। रिसर्चर्स ने US स्पेस फोर्स के स्पेस सर्विलांस नेटवर्क द्वारा जुटाए गए ट्रैकिंग डेटा का विश्लेषण किया है और भविष्यवाणी है कि रॉकेट की बॉडी 31 जुलाई को पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करेगी।
हालांकि वक्‍त बीतने के साथ इस अनुमान को अपडेट किया जाएगा। फ‍िलहाल यह कहना जल्दबाजी होगी कि चीनी रॉकेट कहां नीचे आएगा। कॉर्ड्स के रिसर्चर्स का अनुमान है कि यह 41 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 41 डिग्री दक्षिण अक्षांश के बीच पृथ्‍वी में कहीं प्रवेश करेगा और पूरा मलबा पृथ्वी की हवा में नहीं जलेगा। यानी रॉकेट का कुछ हिस्‍सा पृथ्‍वी पर सीधे आकर गिरेगा। अनुमान है कि इसका करीब 20-40 फीसदी हिस्‍सा जमीन पर पहुंचेगा। हालांकि सटीक संख्या उसके डिजाइन पर निर्भर करती है। एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन ने 5 से 9 मीट्रिक टन मलबे की उम्‍मीद की है। 

इससे पहले भी दो ‘लॉन्ग मार्च 5B' मिशनों में ऐसे हुआ था। 5 मई 2020 को लॉन्‍च हुए रॉकेट की बॉडी लगभग एक हफ्ते बाद अनियंत्रित तरीके से अफ्रीका के पश्चिमी तट पर गिरी थी। इसी तरह दूसरा लॉन्ग मार्च 5B, तियांगोंग के कोर मॉड्यूल को लॉन्च करने के 10 दिन बाद मई 2021 में हिंद महासागर में प्रवेश कर गया था। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Amazon की फेस्टिव सेल में Acer, HP और की प्रमुख ब्रांड्स के लैपटॉप्स को 40,000 रुपये से कम में खरीदने का मौका
  2. BSNL का 'स्वदेशी' 4G नेटवर्क हुआ लॉन्च, 5G नेटवर्क की भी तैयारी
  3. LinkedIn MBA Rankings 2025: ये हैं दुनिया के टॉप 20 MBA इंस्टीट्यूट, 4 भारत के ये कॉलेज भी शामिल
  4. Oppo F31 5G vs Realme P4 Pro 5G vs Poco X7 Pro 5G: देखें तुलना कौन है बेहतर
  5. Flipkart Sale 2025 में 20,000 से कम कीमत में ऐसे 5 स्मार्टफोन जो हल्के पानी से भी नहीं होंगे खराब!
  6. Amazon Great Indian Festival Sale 2025: 7000 रुपये सस्ता मिल रहा ये OnePlus स्मार्टफोन
  7. Oppo Find X9 जल्द हो सकता है भारत में लॉन्च, BIS की वेबसाइट पर लिस्टिंग
  8. एमेजॉन की सेल में प्रोजेक्टर्स पर मिल रहा बड़ा डिस्काउंट
  9. Amazon की सेल में Canon, Epson और कई ब्रांड्स के प्रिंटर्स पर बेस्ट डील्स
  10. India vs Pakistan Asia Cup Final: केवल कुछ ही सीटें बाकी, यहां से ऑनलाइन करें टिकट बुक
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »