स्मार्टफोन, कंप्यूटर स्क्रीन से आंखों को होने वाले नुकसान से नहीं बचा पाते ब्लू लाइट लेंस! नई स्टडी में खुलासा

शोधकर्ता कहते हैं कि ब्लू लाइट फिल्टर करने वाले लेंसेज पर इस मामले में बहुत ज्यादा निर्भर नहीं रहा जा सकता है।

विज्ञापन
Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 20 अगस्त 2023 20:17 IST
ख़ास बातें
  • ब्लू लाइट ग्लासेज स्क्रीन से होने वाले नुकसान को रोकने नहीं हैं कारगर।
  • डिवाइसेज से आने वाली केवल 10 से 25% ब्लू लाइट को ही रोक सकते हैं।
  • इससे ज्यादा लाइट को रोकने के लिए इनमें अम्बर रंग होना चाहिए।

शोधकर्ता कहते हैं कि ब्लू लाइट फिल्टर करने वाले लेंसेज पर इस मामले में बहुत ज्यादा निर्भर नहीं रहा जा सकता है।

स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट जैसे डिवाइसेज अब हमारी जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन चुके हैं। ऐसे में हम दिन का अधिकतर समय इस तरह की डिवाइसेज के स्क्रीन को देखकर बिताते हैं जिससे आंखों पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन अब चश्मा बनाने वाली कंपनियां ब्लू लाइट ग्लास बनाने लगी हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि ये हमारी आंखों की सेहत के लिए उपयोगी होते हैं। लेकिन क्या ये सच में आखों को बचाते हैं? इस रिपोर्ट के माध्यम से जानने की कोशिश करते हैं। 

ब्लू लाइट ग्लासेज का चलन पिछले कुछ सालों से काफी बढ़ गया है। कहा जाता है कि ये स्क्रीन के बुरे प्रभाव से आंखों को बचाते हैं और इनसे नींद आने में भी मदद मिलती है। लेकिन NDTV के अनुसार, यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न, और यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के शोधकर्ता कुछ और ही कहते हैं। रिसर्चर कह रहे हैं कि ब्लू लाइट ग्लासेज स्क्रीन से होने वाले नुकसान को रोकने में कोई खास भूमिका अदा नहीं करते हैं। और न ही इनसे नींद की क्वालिटी सुधरती है। 

लेखक लौरा डाउनी ने कहा कि उन्होंने पाया है कि थोड़े से समय के लिए ही ब्लू लाइट फिल्टर वाले लेंस कंप्यूटर से होने वाली आंखों की थकान को रोक सकते हैं। लेकिन लम्बे समय के लिए यह बहुत कारगर साबित नहीं किए जा सके हैं। स्टडी में शोधकर्ताओं ने कहा है कि डिवाइसेज से निकलने वाली ब्लू लाइट आंखों को नहीं थकाती है, बल्कि इसके पीछे अधिकतर लोगों में कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम पाया जाता है जो कि कंप्यूटर के सामने लम्बे समय तक बैठने से संबंधित होता है। 

स्टडी आगे कहती है कि ब्लू लाइट फिल्टर डिवाइसेज से आने वाली केवल 10 से 25% ब्लू लाइट को ही रोक सकते हैं। इससे ज्यादा लाइट को रोकने के लिए इनमें अम्बर रंग होना चाहिए, लेकिन अगर इतना ज्यादा कलर लेंस में दिया जाएगा तो आंखों को सही रंग पहचानने में दिक्कत हो सकती है। कुल मिलाकर शोधकर्ता कहते हैं कि ब्लू लाइट फिल्टर करने वाले लेंसेज पर इस मामले में बहुत ज्यादा निर्भर नहीं रहा जा सकता है। इसमें अभी और एडवांसमेंट की जरूरत है। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , blue light lenses, Blue Light and Your Eyes

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Oppo Reno 15 Pro Max में 12GB रैम, Dimensity चिपसेट का खुलासा, लॉन्च से पहले यहां दिखा फोन
  2. 6000 से ज्यादा सस्ता मिल रहा Samsung का 5000mAh बैटरी वाला 5G फोन, सबसे बेस्ट ऑफर
  3. Vivo X200T में मिल सकती है 50 मेगापिक्सल की ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट
#ताज़ा ख़बरें
  1. एस्टरॉयड अलर्ट! नासा ने बताया, 220 फीट बड़े 4 एस्टरॉयड बढ़ रहे पृथ्वी की तरफ
  2. Samsung Galaxy S26 में होगा 320MP कैमरा सपोर्ट वाला चिपसेट, लॉन्च से पहले खुलासा
  3. WhatsApp यूजर्स सावधान! GhostPairing से हैक हो सकता है आपका अकाउंट, ऐसे करें बचाव
  4. Oppo Reno 15 Pro Max में 12GB रैम, Dimensity चिपसेट का खुलासा, लॉन्च से पहले यहां दिखा फोन
  5. OnePlus Turbo में मिल सकती है धांसू 9000mAh बैटरी, अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट की सिक्योरिटी!
  6. YouTube Down: Google Search, YouTube ने यूजर्स को रुलाया, डाउन हुई सर्विस, X पर फूटा गुस्सा
  7. 6000 से ज्यादा सस्ता मिल रहा Samsung का 5000mAh बैटरी वाला 5G फोन, सबसे बेस्ट ऑफर
  8. Bitcoin में आ सकती है तेजी, Citigroup ने दिया 1,43,000 डॉलर का टारगेट
  9. Realme 16 Pro सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, 200 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा
  10. हर साल नया Pixel फोन? Google भारत में लाया नई अपग्रेड स्कीम, जानें सब कुछ
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.