सूरज पर हुआ बड़ा धमाका! 2 दिन बाद पहुंच रहा है बड़ा सौर तूफान! NASA ने किया सावधान

भूचुंबकीय तूफानों या सौर तूफानों को आकार के हिसाब से श्रेणियों में बांटा जाता है।

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Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 22 अप्रैल 2023 20:08 IST
ख़ास बातें
  • इसे G1 से G2 कैटिगरी का बताया गया है
  • 24 अप्रैल को भूचुंबकीय तूफान धरती से टकराएगा
  • यह धरती पर कई तरह के उपकरणों को खराब कर सकता है

24 अप्रैल को जो भूचुंबकीय तूफान धरती से टकराएगा इसे G1 से G2 कैटिगरी का बताया गया है।

सूर्य की सतह पर इन दिनों लगातार भारी हलचल चल रही है। यूं, तो सूरज पर ये हलचल हर वक्त जारी रहती है, लेकिन कई बार इसकी सतह पर बेहद विशाल धमाके होते हैं जिसका असर पृथ्वी तक आता है। इसकी सतह पर मौजूद फिलामेंट अक्सर फटते रहते हैं जिनके कारण सौर तूफान पैदा होते हैं। इन्हें भूचुंबकीय तूफान भी कहा जाता है। नासा ने एक ऐसे ही बड़े धमाके को सूर्य की सतह पर स्पॉट किया है जिसका असर अगले दो दिनों में पृथ्वी पर दिखाई देने वाला है। आइए आपको बताते हैं कि इस आने वाली आफत से धरती पर किन चीजों को नुकसान पहुंच सकता है। 

NASA की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी (SDO) ने सूर्य के फिलामेंट्स में से एक में एक बड़ा धमाका होने की चेतावनी जारी की है। स्पेसवेदर की रिपोर्ट के अनुसार, यह धमाका 21 अप्रैल को हुआ है। इस धमाके के कारण कोरोनल मास इजेक्शन (CME) घटित होता है। यह ऐसी प्रक्रिया है जिससे एक भूचुंबकीय तूफान सूरज की सतह पर उठता है, और कई बार यह धरती की ओर बढ़ता है। अगर धरती की दिशा उस वक्त इसकी तरफ होती है तो यह स्ट्राइकिंग जोन कहा जाता है। कोरोनल मास इजेक्शन का ये विशाल बादल अब धरती की ओर अपना रुख कर चुका है जिसका प्रभाव यहां 24 अप्रैल को दिखाई देगा। 

भूचुंबकीय तूफानों या सौर तूफानों को आकार के हिसाब से श्रेणियों में बांटा जाता है। इन्हें G1 से G5 तक वर्गीकृत किया गया है। G5 कैटिगरी का सौर तूफान सबसे शक्तिशाली माना जाता है। इसके टकराने से धरती पर बहुत अधिक नुकसान की संभावना होती है। ये धरती पर कई तरह के उपकरणों को खराब कर सकते हैं, संचार के साधनों में खराबी पैदा कर सकते हैं। बिजली सप्लाई भी इससे प्रभावित हो सकती है। रेडियो, सैटेलाइट और नेविगेशन सिस्टम पर भी यह असर डाल सकता है। 

24 अप्रैल को जो भूचुंबकीय तूफान धरती से टकराएगा इसे G1 से G2 कैटिगरी का बताया गया है। कैटिगरी के अनुसार इससे बहुत ज्यादा खतरा तो नहीं बताया गया है, लेकिन धरती के निकट पहुंचने पर यह क्या असर डालेगा, यह इसके टकराने पर ही पता लग पाएगा। बता दें कि अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार इस वक्त सूर्य अपनी 11 साल की सौर साइकिल से गुजर रहा है। हर 11 साल में सूर्य की सतह पर इस तरह की गतिविधियां बहुत तेज हो जाती हैं। 
 
 

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ये भी पढ़े: SDO, NASA, solar flare, CME, solar storm

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

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