पृथ्वी से 240 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर मौजूद गैलेक्सी में ढूंढा गया एक रहस्यमई स्ट्रक्चर

पृथ्वी से 2.4 अरब लाइट ईयर की दूरी पर 3C 273 गैलेक्सी स्थित है। यह गैलेक्सी एक क्वासर है, जिसका मतलब है कि यह एक आकाशगंगा का केंद्रक है जिसके सेंटर में एक बड़ा ब्लैक होल है।

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गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 7 जून 2022 19:09 IST
ख़ास बातें
  • पृथ्वी से 2.4 अरब लाइट ईयर की दूरी पर 3C 273 गैलेक्सी स्थित है
  • इस स्टडी को Astrophysical जर्नल में प्रकाशित किया गया है
  • 3C273 दूसरे शब्दों में एक रेडियो लाइटहाउस है

इस स्टडी को Astrophysical जर्नल में प्रकाशित किया गया है

इस यूनिवर्स में बहुत सी चीजें हैं, जो हम अभी तक नहीं जानते हैं। लेकिन दुनिया भर के एस्ट्रोनोमर्स लगातार उन रहस्यों को सुलझाने में लगे हैं। उन्होंने हाल ही में एक पहले से अज्ञात स्ट्रक्चर की खोज की है, जिसमें एक विशाल गैलेक्सी को कवर करने वाला एक रेडियो एमिशन था, जो छाया में छिपा हुआ था। इस गैलेक्सी 3C 273 में रेडियो एमिशन हजारों लाइट-ईयर दूर तक फैला हुआ है। रिसर्चर्स का कहना है कि गैलेक्सी के सेंटर में एक ऊर्जावान ब्लैक होल है। उन्होंने वर्तमान में सबसे बड़ी खगोलीय प्रोजेक्ट, अटाकामा लार्ज मिलिमीटर/सबमिलिमीटर एरे (ALMA) का इस्तेमाल कर यह खोज की है।

पृथ्वी से 2.4 अरब लाइट ईयर की दूरी पर 3C 273 गैलेक्सी स्थित है। यह गैलेक्सी एक क्वासर है, जिसका मतलब है कि यह एक आकाशगंगा का केंद्रक है जिसके सेंटर में एक बड़ा ब्लैक होल है। यह ब्लैक होल अपने आसपास के मैटीरियल को निगल लेता है, और उससे भारी मात्रा में रेडिएशन निकलती है।

रिसर्चर्स के अनुसार, इस गैलेक्सी को अक्सर दूरबीनों से देखा जाता है, क्योंकि इसे आकाश में एक रेफरेंस पॉइन्ट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। 3C273 दूसरे शब्दों में एक रेडियो लाइटहाउस है।

रेडियो एमिशन के बावजूद इस आकाशगंगा को अभी तक क्यों नहीं देखा गया है? जब एस्ट्रोनोमर्स एक दूरबीन के जरिए आसमान में ब्राइट वस्तुओं को देखते हैं, तो यह उनके लिए कुछ ऐसा ही होता है, जैसे कार की हेडलाइट की चमकदार चमक आपके के लिए अंधेरे परिवेश को नोटिस करना मुश्किल बना देती है। एस्ट्रोनोमर्स इस समस्या को दूर करने के लिए ब्राइट और अंधेरे दोनों हिस्सों को देखने के लिए ALMA जैसे गतिशील रेंज टेलीस्कोप का इस्तेमाल करते हैं। रेडियो दूरबीनों को बहुत अधिक विपरीत वस्तुओं को देखने में कठिनाई होती है।

इस स्टडी को Astrophysical जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
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स्टडी के प्रमुख लेखक शिन्या कोमुगी ने कहा कि यह खोज ऑप्टिकल लाइट स्टडी द्वारा पहले संबोधित की गई समस्याओं पर रिसर्च करने के लिए नए रास्ते खोलती है। कोमुगी ने कहा कि शोधकर्ता इस बारे में और जानना चाहते हैं कि कोर न्यूक्लियस के साथ इंटरेक्शन के जरिए आकाशगंगा कैसे बढ़ती है।
 

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