आकाश की ओर देखने पर सबसे ज्यादा क्या नजर आते हैं? तारे। हमारे ब्रह्मांड में तारों की विविधता बहुत ज्यादा है। हमारा सूर्य जो खुद एक तारा है, पृथ्वी पर जीवन मुमकिन बनाता है। वर्षों से साइंटिस्ट तारों पर रिसर्च कर रहे हैं। उनकी दिलचस्पी इनके निर्माण के तरीके को जानने में है। बहरहाल, रिसर्चर्स ने एक छोटे मैगेलैनिक क्लाउड में एक ‘बेबी स्टार'- ‘Y256' से निकलने वाली बाइपोलर गैस स्ट्रीम का पता लगाया है, जो तारे के निर्माण के दौरान निकली। इसे उन्होंने 'बर्थ क्राई' के तौर पर संदर्भित किया है यानी किसी तारे का रोना! इस स्ट्रीम का वेग 54,000 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा है। मैगेलैनिक क्लाउड एक बौनी आकाशगंगा है, जो हमारी मिल्की-वे से लगभग 2 लाख प्रकाश वर्ष दूर है।
जैसा कि हमने आपको बताया वैज्ञानिकों की दिलचस्पी हमेशा से तारों के गठन को समझने में रही है। किसी तारे के निर्माण का मैकनिज्म अंतरतारकीय पदार्थ (interstellar matter) में भारी तत्वों की उपस्थिति से प्रभावित होता है। लेकिन ब्रह्मांड के शुरुआत में भारी तत्वों की मात्रा आज की तुलना में कम थी। ऐसा इसलिए क्योंकि न्यूक्लियोसिंथेसिस के लिए तारों में भारी तत्वों को प्रोड्यूस करने के लिए पर्याप्त समय नहीं था। इसी वजह से यह समझना मुश्किल है कि ऐसे वातावरण में तारों का गठन मौजूदा वक्त में तारों के गठन से अलग कैसे होता होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, 10 अरब साल पहले की ज्यादातर आकाशगंगाओं की तरह छोटे मैगेलैनिक क्लाउड में भी हीलियम की तुलना में भारी तत्वों की की कमी है। ऐसे में यह क्लाउड वैज्ञानिकों के लिए एक बेहतर टार्गेट है। उन्हें यह समझने में मदद मिल सकती है कि पहले के वक्त में तारों का गठन कैसे होता था।
ओसाका मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी के तोशिकाज़ु ओनिशी और क्यूशू यूनिवर्सिटी के काज़ुकी टोकुडा के नेतृत्व में रिसर्चर्स की एक इंटरनेशनल टीम ने चिली में अटाकामा लार्ज मिलिमीटर / सबमिलिमीटर एरे (ALMA) रेडियो टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया। इसके जरिए उन्होंने उच्च-द्रव्यमान वाले यंग स्टिलर ऑब्जेक्ट्स या ‘बेबी स्टार्स' को ऑब्जर्व किया। यह स्टडी, द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स जर्नल में पब्लिश हुई है।
माना जाता है कि इस तरह के बढ़ते हुए ‘बेबी स्टार्स' के रोटेशनल मोशन को वर्तमान ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण संकुचन (gravitational contraction) के दौरान एक समान मॉलिक्यूर आउटफ्लो द्वारा दबा दिया जाता है। इससे स्टार ग्रोथ में तेजी आती है। मौजूदा खोज यह सुझाव दे सकती है कि स्टार गठन की यह प्रक्रिया 10 अरब साल की अवधि में काफी समान रही है। रिसर्च टीम को उम्मीद है कि यह खोज तारों के निर्माण के अध्ययन में नए दृष्टिकोण सामने लाएगी। भविष्य में होने वाली रिसर्च में भी इन फाइंडिंग्स का फायदा मिल सकता है।