अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) अपने मून मिशन (Moon Mission) में निजी कंपनियों को भी शामिल कर रही है। नासा की योजना एक मून कार (Moon car) के निर्माण की है। यह आधा वीकल और आधा रोबोट होगी। इसे लूनार टेरेन वीकल (LTV) भी कहा जाता है। नासा की योजना है कि जरूरत पड़ने पर कार 2 एस्ट्रोनॉट्स को चंद्रमा पर ट्रैवल कराए साथ ही सेमी ऑटोमैटिक रूप से खुद भी काम करे, ताकि चंद्रमा से जुड़ीं रिसर्च पूरी की जा सके।
नासा ने पिछले साल
आर्टिमिस 1 (Artemis 1) मिशन को पूरा किया था। साल 2024 में ‘आर्टिमिस 2' (Artemis II) मिशन को लॉन्च किया जाना है। इसी तरह आर्टिमिस 3, 4 और 5वें मिशन पर काम चल रहा है। आर्टिमिस 2 मिशन के जरिए करीब 50 साल बाद 4 अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजा जाएगा। ये अंतरिक्ष यात्री सिर्फ चांद का चक्कर लगाकर लौट आएंगे। भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर उतारा भी जाएगा। तब उन्हें वो तमाम साजो-सामान चाहिए होंगे, जो वहां जरूरी हैं। मून कार भी इसी का हिस्सा है।
नासा ने प्राइवेट कंपनियों से कहा है कि वो भविष्य के आर्टिमिस मिशन के लिए LTV सर्विस कॉन्ट्रैक्ट के लिए अपना सबमिशन भेज सकती हैं। कंपनियों को 10 जुलाई की
डेडलाइन दी गई है। कॉन्ट्रैक्ट से वो कंपनी जुड़ पाएगी जो एंड-टु-एंड सर्विस उपलब्ध कराएगी। इसमें कार के डेवलपमेंट से लेकर डिलिवरी तक की जिम्मेदारी शामिल है।
पिछले साल एक
रिपोर्ट में सामने आया था कि नासा अपने मून मिशन में एक रोवर और वीकल को शामिल करने की योजना बना रही है। वीकल के लिए नासा ने दो पार्टनरशिप भी आगे बढ़ाई थीं। पहली साझेदारी जनरल मोटर्स और लॉकहीड मार्टिन के बीच हुई थी। दूसरी साझेदारी Northrop Grumman, AVL, Intuitive Machines, Lunar Outpost और Michelin के बीच हुई थी। नासा अकेली नहीं है, जो चांद पर वीकल उतारना चाहती है। जापान की एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने दो अलग-अलग लूनार ड्राइविंग प्रोजेक्ट्स के लिए निसान (Nissan) और टोयोटा (Toyota) के साथ पार्टनरशिप की है।